ट्रेन या बस में ही नहीं अब कालेजों में भी होगा 'रिजर्वेशन', जानिए क्या है व्यवस्था Aligarh news
रिजर्वेशन इस शब्द का सुनते ही ट्रेन या बस में सफर करने का ख्याल आ जाता है। मगर कोरोना काल ने जब हर जगह व हर क्षेत्र में बदलाव किया है तो कालेजों में भी इसका असर देखने को मिलना लाजिमी है।
अलीगढ़, जेएनएन । रिजर्वेशन इस शब्द का सुनते ही ट्रेन या बस में सफर करने का ख्याल आ जाता है। मगर कोरोना काल ने जब हर जगह व हर क्षेत्र में बदलाव किया है तो कालेजों में भी इसका असर देखने को मिलना लाजिमी है। कालेज में छात्र-छात्राओं को इस खास ''रिजर्वेशन'' का लाभ मिलेगा। हालांकि पिछले कोरोना काल में ये व्यवस्था सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ही की जा सकी थी। मगर अब माध्यमिक विद्यालयों में इस व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यह व्यवस्था न करने वाले संस्थानों के जिम्मेदारों को अफसरों की कार्रवाई भी झेलनी पड़ेगी।
अभिभावकों से अनुमति मांगने का काम चल रहा
माध्यमिक विद्यालयों में नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं को बुलाने की प्रक्रिया के तहत अभिभावकों से अनुमति मांगने का काम किया जा रहा है। अभिभावकों की अनुमति की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। हर जिले से ये रिपोर्ट प्रधानाचार्यों को अपने शिक्षाधिकारियों को उपलब्ध करानी है। विद्यालय खुलने के बाद वही विद्यार्थी कालेज आएंगे जिनको उनके अभिभावक लिखित में अनुमति पत्र देंगे। मगर जब विद्यार्थी कालेज आएंगे तो उनको अपनी कक्षा में अपनी सीट रिजर्व मिलेगी। हर विद्यार्थी की अपनी सीट अलग से रिजर्व रहेगी। कक्षाओं में विद्यार्थियों को रोल नंबर के हिसाब से बैठाया जाएगा। जिस सीट पर जिस विद्यार्थी का रोल नंबर चस्पा किया जाएगा वो उसी सीट पर रोज बैठेगा। परीक्षाओं के दौरान ऐसी व्यवस्था की जाती है। मगर कोरोना काल में विद्यार्थियों को संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए ये पहले आम दिनों में संचालित होने वाली कक्षाओं में भी ये व्यवस्था मिलेगी। अगर किसी दिन कोई विद्यार्थी कालेज नहीं आता तो उसकी सीट पर कोई दूसरा विद्यार्थी नहीं बैठेगा। अगर छात्र संख्या ज्यादा बढ़ी तो सम-विषम पद्धति से भी छात्र-छात्राओं को बुलाया जा सकता है।
इनका कहना है
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करते हुए ही विद्यार्थियों को कालेज व कक्षाओं में बुलाया जाएगा। प्रतिदिन कक्षाओं को सैनिटाइज करने के निर्देश भी प्रधानाचार्यों को दिए हैं। हर विद्यार्थी को रोल नंबर के हिसाब से कक्षा में दूर-दूर बैठाया जाएगा। एक विद्यार्थी जिस सीट पर बैठेगा उसी पर वो रोजाना बैठकर पढ़ाई करेगा।