Aligarh Tappal case : नाता न रिश्तेदारी, फिर भी बांटने चले आए दुख-दर्द
बिटिया की हत्या को लेकर लोगों में गुस्से का गुबार भरा हुआ है। कई ऐसे लोग भी बिटिया के घर परिजनों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं जिनका न तो बिटिया से न ही उसके परिवार से कोई नाता य
अलीगढ़ (जेएनएन)। बिटिया की हत्या को लेकर लोगों में गुस्से का गुबार भरा हुआ है। कई ऐसे लोग भी बिटिया के घर परिजनों को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं जिनका न तो बिटिया से न ही उसके परिवार से कोई नाता या रिश्तेदारी है। बस मानवता के नाते ही वे सोशल मीडिया के जरिए मिली खबर पर यहां तक आ पहुंच रहे हैं।
घटना को लेकर आक्रोश
हरियाणा पलवल से पहुंचे राजेश दयाल, सुभाष कुमार, गुरुग्राम के विवेक कुमार, गाजियाबाद के विक्रम, दिल्ली के अवनीश रावत आदि बिटिया के परिजनों को ढाढ़स बंधाने पहुंचे थे। घटना को लेकर उनकी आंखों में साफ आक्रोश था। उन्होंने मांग उठाई कि प्रशासन को दोषियों को फांसी की सजा दिलानी चाहिए ताकि वो नजीर बन सके और कोई भी ऐसा करने की हिमाकत न कर सके। उन्होंने कहा कि सुख-दुख में हमेशा पड़ोसी ही बुरे वक्त में काम आता है, लेकिन यहां तो पड़ोसी ही हैवान बन गए और मात्र चंद रुपयों की खातिर बिटिया को मौत की नींद सुला दिया। बिटिया के घर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने एक स्वर से मांग उठायी कि प्रशासन को मामले में पूरी निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए और जो भी दोषी हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि आरोपितों के सहयोगी घटना के बाद से घरों में ताले लगाकर फरार हैं उनके खिलाफ भी एक्शन लेना चाहिए। सवाल उठाया कि जब वह दोषी ही नहीं है तो फिर पुलिस जांच व पूछताछ से दूर क्यों भाग रहे हैं।
सहयोग व समर्थन के लिए जताया आभार
बिटिया की मौत को लेकर देशभर में मिल रही सहानभूति व कार्रवाई के समर्थन को लेकर बिटिया के बाबा ने सभी का आभार जताया है। कहा है कि आप सबकी ताकत ने ही पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया है। जिससे अब उम्मीद बंधी है कि उन्हें जरूर न्याय मिलेगा। उन्होंने घटना के नौवें दिन पुलिस कार्रवाई पर संतुष्टि जताई है।
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