बूलगढ़ी प्रकरण के पीडि़त परिवार से चुनाव लड़ने के लिए किसी ने नहीं किया संपर्क
बूलगढ़ी कांड का पीडि़त परिवार चुनाव नहीं लड़ेगा। मृतका के भाई का कहना है कि चुनाव लडऩे की कोई योजना थी ही नहीं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर चल रही खबरों को गलत बतातेे हुए कहा कि चुनाव को लेकर किसी दल ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। बूलगढ़ी कांड का पीडि़त परिवार चुनाव नहीं लड़ेगा। मृतका के भाई का कहना है कि चुनाव लडऩे की कोई योजना थी ही नहीं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर चल रही खबरों को गलत बतातेे हुए कहा कि चुनाव को लेकर कांग्रेस ही क्या, किसी अन्य दल ने भी उनसे संपर्क नहीं किया है। न ही उनके पास किसी का फोन आया है। हम तो घटना के दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें जल्द से जल्द न्याय चाहिए।
वायरल का सच
- -इंटनेटमीडिया पर चल रही खबरों को मृतका के भाई ने गलत बताया
- -किसी राजनीतिक दल के संपर्क करने की बात से भी किया इन्कार
अभी हाथरस के प्रत्याशी नहीं घोषित
हाथरस में तीसरे चरण में मतदान होना है। कांग्रेस ने अभी पहले चरण में होने वाले चुनाव के लिए प्रत्यशी घोषित किए गए हैं। हाथरस के लिए अभी प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं। इसके चलते दावेदार इंतजार कर रहे हैं। हाथरस में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं। हाथरह शहर, सादाबाद व सिकंदराराऊ।
पहले चरण के प्रत्याशियों में उन्नाव भी
चार दिन पहले कांग्रेस ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। इसमें उन्नाव की दुष्कर्म पीडि़ता की मां को प्रत्याशी बनाया गया है। इसी के बाद से बूलगढ़ी की बेटी की मां या भाभी को कांग्रेस के चुनाव मैदान में उतारने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। इंटरनेट मीडिया पर खबरें चलने लगीं कि बूलगढ़ी के पीडि़त परिवार ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडऩे के आफर को ठुकरा दिया है। इन चर्चाओं पर मृतका के भाई ने कहा है कि न तो कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडऩे का कोई आफर मिला, न ही किसी अन्य दल से। किसी ने उनसे न तो मिलकर, न ही फोन पर संपर्क किया है। वहीं दूसरा मसला सुरक्षा का भी है। पीडि़ता के भाई का कहना है कि उनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने मांग की है कि कोर्ट में त्वरित सुनवाई हो, जिससे उन्हें न्याय मिल सके।
बूलगढ़ी कांड पर नजर
14 सितंबर2020 को बूलगढ़ी में युवती पर हमला हुआ था। युवती के भाई ने गांव के ही संदीप के खिलाफ जानलेवा हमला व एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में युवती के बयानों के आधार पर धाराएं बढ़ाई गईं और गांव के ही रामू, रवि व लवकुश का नाम शामिल किया गया। दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में 29 सितंबर की सुबह युवती की मौत हो गई। इसका अंतिम संस्कार रात में ही कराया गया, जिसको लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए। इस मामले के चारों आरोपित तभी से अलीगढ़ जेल में हैं। मामले की सुनवाई हाथरस की कोर्ट में हो रही है।