नीटू के खिलाफ तीसरी बार अविश्वास प्रस्ताव दाखिल
-अजीत गौड ने डीएम को अविश्वास प्रस्ताव सौंपकर 2
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :
दो बार विफलता के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष उपेंद्र सिंह नीटू के खिलाफ एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव दाखिल हो गया है। विरोधी गुट के अजीत गौड़ ने 28 सदस्यों के साथ होने का दावा कर डीएम को अविश्वास मांग पत्र सौंपा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद तीसरी बार अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है। अगले दो दिन में प्रशासन की तरफ से शक्ति प्रदर्शन को समय दिया जा सकता है। हालांकि अविश्वास देते ही दोनों खेमों की तरफ से सदस्यों को लेकर एक बार फिर खींचतान शुरू हो गई है।
सत्ता परिवर्तन के बाद ही जिला पंचायत अध्यक्ष उपेंद्र सिंह नीटू को कुर्सी से हटाने की आवाज बुलंद हो गई है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर चौधरी ने शुरूआती बिगुल फूंका। 29 सदस्यों के अध्यक्ष के खिलाफ होने का दावा कर विरोधी गुट की तरफ से दो बार अविश्वास प्रस्ताव भी दाखिल किया गया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। पहली बार में हाईकोर्ट ने अविश्वास में तकनीकी खामी मानते हुए वापस कर दिया। दूसरी बार का डीएम की तरफ से यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि एक साल तक दोबारा अविश्वास नहीं लाया जा सकता है। इस पर नेतृत्व कर रहे अजीत गौड़ हाईकोर्ट पहुंच गए। वहां चार सितंबर को सुनवाई के बाद विरोधी गुट को नए सिरे से अविश्वास देने के निर्देश दिए गए। अब सोमवार को अजीत गौड़, सुधीर चौधरी, दिनेश चंद्र समेत विरोधी गुट के कई सदस्य अविश्वास देने के लिए कलक्ट्रेट पहुंच गए। यहां सुबह 10.10 बजे डीएम ने यह अविश्वास स्वीकार कर लिया। विरोधी गुट को अब दो दिन के अंदर शक्ति प्रदर्शन का समय दिया जा सकता है।
एक सदस्य हुआ कम
विरोधी गुट ने पिछले बार 29 सदस्यों के साथ होने का दावा किया था, लेकिन इस बार इनकी संख्या में एक की कमी आ गई है। अब 28 सदस्यों के ही अध्यक्ष के विरोध में होने की बात की गई। हालांकि इन लोगों के शपथ पत्र भी नहीं हैं। केवल नोटिस पर हस्ताक्षर के बाद ही अविश्वास दिया गया है। हालांकि विरोधी के सदस्यों का कहना है 28 की संख्या को शुभ मानते हुए इतने नाम बताए गए हैं। उनके पास इससे भी अधिक सदस्य हैं।
अब शुरू होगी खींचतान
डीएम की तरफ से विरोधी गुट को शक्ति प्रदर्शन का समय मिलने के बाद अब सदस्यों को लेकर खींचतान शुरू हो जाएगी। अध्यक्ष पक्ष एक दो सदस्यों को अपने पक्ष में तोड़कर कुर्सी पर कब्जा बरकरार बनाए रखना चाहेगा।
सत्ता पक्ष का मिल सकता है लाभ
यह पहला मौका होगा, जब प्रदेश में भाजपा के ही अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही हो। ऐसे में भाजपाई भी नीटू के पक्ष में पूरी ताकत झोंक देंगे। हालांकि इनके ही सदस्य कुछ विरोध भी कर रहे हैं।