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खबर प्रकाशित होने पर एनएचआइए को आई ब्लैक स्पाट की आयी सुध Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। जिले में होने वाले सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार चिन्हित 12 ब्लैक स्पाट की खामियों व सुरक्षा के उपाय न करने की दैनिक जागरण में प्रमुखता से छपी खबर का अफसरों ने सोमवार को ही संज्ञान ले लिया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 05:56 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 07:14 AM (IST)
खबर प्रकाशित होने पर एनएचआइए को आई ब्लैक स्पाट की आयी सुध Aligarh news
एनएचआइ की एक टीम हाईवे का निरीक्षण कर खामियों को दूर कराने के निर्देश दिए।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिले में होने वाले सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार चिन्हित 12 ब्लैक स्पाट की खामियों व सुरक्षा के उपाय न करने की 'दैनिक जागरण' में प्रमुखता से छपी खबर का अफसरों ने सोमवार को ही संज्ञान ले लिया। एनएचआइ की एक टीम हाईवे 93 व 91 के निरीक्षण को मौके पर पहुंची और वहां मिली खामियों को दूर कराने के निर्देश दिए। मडराक टोल प्लाजा के मैनेजर हेमंत राजपूत, हाईवे इंजीनियर कपिल शर्मा, हाईवे पेट्रोल आफीसर सुनील कुमार, विवेक कुमार आदि की टीम ने मडराक व कोठिया मोड़ स्थित ब्लैक स्पाट पर लगे सड़क चिन्हों 'नो ओवरटेकिंग' साइन बोर्ड, स्पीड लिमिट, संभावित दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का साइन बोर्ड, कैट आइज,रोड मार्किंग की जांच पड़ताल की गई। जिन स्थानों पर साइन बोर्ड नहीं मिले वहां तत्काल बोर्ड लगवाए गए। ब्लैक स्पाट के आस-पास वाहन संचालन में बाधा बनने वाले पेड़, पौधों व झाड़ियों की कटाई-छंटाई कराई गई। यहां सड़क में हो रहे गड्ढों को भी भरवाने के निर्देश दिए गए। एनएचआइ की दूसरी टीम ने अलीगढ़ -गाजियाबाद एक्सप्रेस वे का निरीक्षण किया। यहां ब्लैक स्पाट पर सुरक्षा के उपाय करने व अवैध कटों को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए।

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ब्लैक स्पाट

जिन स्थानों पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं उन्हेंं खतरनाक मानते हुए पुलिस-प्रशासन ने ब्लैक स्पाट के तौर पर चिन्हित कर रखा है। सड़क हादसों में लगातार इतनी जानें जाने के बाद भी प्रशासन कभी गंभीर नहीं हुआ। रोड पर अवैध कटों से भी हादसे बढ़ रहे हैं।

नहीं बदले हालात

ब्लैक स्पाट के तौर पर चिन्हित 12 स्थानों पर पिछले कई सालों से जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति इनका भौतिक सत्यापन कर अपने सुझाव व प्रस्ताव भेज रही है। फिर भी शहरी क्षेत्र में नगर निगम, पुलिस व सड़क सुरक्षा एजेंसियां सुधार कार्य नहीं करा सकी हैं। इसका बड़ा कारण जिम्मेदार विभागों के अधिकारियों का आपसी समन्यवय और बजट का उपलब्ध न होना बताया जा रहा है। हादसे बढ़ रहे हैं फिर भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बढ़ रहा हादसों का ग्राफ

जिले में वर्ष 2019-20 में सड़क दुर्घटनाओं में 64 प्रतिशत मौतें अधिक रफ्तार से वाहन चलाने पर हुई हैं। यही हाल इस साल भी है। प्रदेश भर में होने वाले सड़क हादसों में मौत के मामले में कानपुर पहले लखनऊ दूसरे व अलीगढ़ चौथे स्थान पर जा पहुंचा है।

कंडम वाहनों से खतरा

2.4 फीसद हादसे वाहनों की हालत जर्जर होने से होते हैं

20 हजार वाहन कंडम घोषित किए जा चुके हैं जिले में

10 हजार कंडम आटो शहर में बिना किसी भय चल रहे हैं

भारी पड़ रही नियमों की अनदेखी

  • - वाहनों की फिटनेस की सही जांच ही नहीं कराई जाती है।
  • -कंडम हो चुके वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं
  • -प्रदूषण जांच के नाम पर भी खानापूर्ति हो रही है।
  • -आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस वाहन चेकिंग अभियान के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं।
  • - मनमाने तरीके से हो रही फिटनेस के नाम पर जांच-पड़ताल

यह है नियम और हालात

  • -नए व्यावसायिक वाहन की फिटनेस प्रत्येक दो साल में व उसके बाद हर साल जांच कर प्रमाण पत्र जारी होना चाहिए।
  • -वाहन की फिटनेस में हेड लाइट, बैक लाइट, फाग लाइट, साइड लाइट, पार्किंग लाइट के अलावा रिफ्लेक्टर पट्टी लगी होनी चाहिए।
  • -स्कूलों के अलावा निजी व सरकारी वाहनों में इस तरह की कमियों को आसानी से देखा जा सकता है।
  • -रोडवेज की बसों की जर्जर हालत और भी बदतर हैं।
  • -बसों में खिड़कियों के शीशे, फाग व बैक लाइट दुरुस्त नहीं होती है, फिर भी सड़क पर फर्राटा भरने की अनुमति मिल जाती है।

हादसों पर नजर

  • - 600 से अधिक हादसे इस साल अब तक जिले में हो चुके हैं
  • - नौ माह में 506 लोग गवां चुके हैं हादसों में जान
  • - पांच माह में ही 265 लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई जान
  • -169 दोपहिया सवार अकाल मौत के मुंह में समा गए जो बिना हेलमेट ही वाहन चला रहे थे।
  • - 50 से अधिक लोगों की हर माह सड़क हादसों में होती है मौत
  • - 3082 लोगों की मौत हो चुकी है पिछले पांच साल में
  • -628 सड़क हादसे हुए बीते साल, जिसमें 432 लोगों की गई जान
  • - 12 ब्लाक स्पाट जिले में हैं चिन्हित
  • -700 से अधिक वाहनों पर रोजाना यातायात नियमों को तोडऩे पर होती है कार्रवाई
  • - 53 हजार से अधिक वाहनों पर पिछले तीन माह में हो चुकी है कार्रवाई, करीब 2.65 करोड़ रुपये का वसूला गया जुर्माना

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