Hathras Case में नया मोड़, चार में से एक आरोपित निकला नाबालिग,CBI की जांच जारी
उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। सीबीआइ की छानबीन में उजागर हुआ है कि चार आरोपितों में से एक नाबालिग है। इसका खुलासा कॉलेज में बताई गई जन्मतिथि से हुआ है।
हाथरस, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस के बूलगढ़ी प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। सीबीआइ की छानबीन में उजागर हुआ है कि चार आरोपितों में से एक नाबालिग है। इसका खुलासा कॉलेज में बताई गई जन्मतिथि से हुआ है। सीबीआइ ने जवाहर स्मारक इंटर कॉलेज मीतई में जाकर जांच की थी। नाबालिग 2018 में हाईस्कूल में फेल हुआ था। जवाहर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने नाबालिग होने की पुष्टि की है। इसकेे अलावा सीबीआइ ने दोपहर बाद मृतका के स्वजनों से फिर मुलाकात की।
एक आरोपित निकला नाबालिग
हाथरस कांड के चार आरोपितों में से एक नाबालिग निकला है। इसे 23 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। तब नाबालिग की जानकारी नहीं हो सकी थी। सीबीआइ को इसके घर से मिली हाईस्कूल की अंकतालिका से नाबालिग होने की जानकारी हुई। आरोपित ने 2018 में जवाहर इंटर कॉलेज मीतई में दसवीं की परीक्षा दी थी, जिसमें फेल हो गया था। सीबीआइ ने इस संबंध में स्कूल जाकर जानकारी की। प्रधानाचार्य ओमवीर सिंह ने बताया कि अंकतालिका पर आयु दो दिसंबर 2002 है। इसकी जानकारी सीबीआइ को जानकारी दी गई है।
सीबीआइ ने हाथरस में डाला डेरा
बताते चलें कि जनपद हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर की सुबह अनुसूचित जाति की युवती को बेहद गंभीर हालत मेें स्वजन कोतवाली चंदपा लेकर आए थे। पुलिस ने पीड़िता को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां से अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था। मां की तहरीर के आधार पर पुलिस ने गांव के ही संदीप पर जानलेवा हमला और एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था। लड़की की हालत में कई दिन तक सुधार नहीं आया। इस दौरान केस की विवेचना कर रहे सीओ सादाबाद ब्रह्मसिंह ने पीड़िता के बयान दर्ज किए। बयानों के आधार पर मामले में धाराएं बढ़ाईं थीं। इससें संदीप के साथ उसके तीन अन्य साथियों को भी नामजद किया गया। पुलिस चारों आरोपितों को जेल भेज चुकी है। 28 सितंबर को जेएन मेडिकल से पीड़ता को दिल्ली के सफदरजंग में रेफर कर दिया था। जहां पर 29 सितंबर को सुबह पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद प्रशासन ने देर रात बूलगढ़ी में उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद से तमाम राजीतिक व गैर राजनीतिक दलों के नेता आए। मृतका के परिवार के सदस्यों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस मामले में यूपी सरकार ने सीबीआइ की सिफारिश कर दी थी। इसके बाद से सीबीआइ जांच कर रही हे।