परीक्षा केंद्र बनाने में पढ़ाई की नई तकनीकी भी दिलाएगी नंबर, मिलेगी वरीयता
माध्यमिक विद्यालयों में अब केवल यूपी बोर्ड परीक्षाओ ही नहीं बल्कि रोज होने वाले शिक्षण कार्य पर भी अफसरों की नजर रखने का खाका तैयार किया गया है। अफसरों की ओर से पहली बार यह व्यवस्था जिलास्तर पर करने की योजना बनाई गई है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए कालेज को परीक्षा केंद्र बनाने के लिए अब नई तकनीकी की पढ़ाई भी नंबर दिलाएगी। नई तकनीकी से पढ़ाई कराने वाले कालेजों को केंद्र बनाने में वरीयता भी दी जाएगी। माध्यमिक विद्यालयों में अब केवल यूपी बोर्ड परीक्षाओ ही नहीं बल्कि रोज होने वाले शिक्षण कार्य पर भी अफसरों की नजर रखने का खाका तैयार किया गया है। अफसरों की ओर से पहली बार यह व्यवस्था जिलास्तर पर करने की योजना बनाई गई है। जिला मुख्यालय पर बने कंट्रोल रूम के जरिए नियमित पढ़ाई व शिक्षकों की गतिविधियों पर सीधे नजर रखी जाएगी। कालेजों में लगे सीसी टीवी कैमरे व वाइस रिकार्डर इसमें मददगार साबित होंगे। बोर्ड परीक्षा 2021 खत्म होने के बाद जिले के माध्यमिक विद्यालयों में नई व्यवस्था देखने को मिलेगी।
सीसीटीवी कैमरों से होगा पठन पाठन
वहीं दूसरी ओर अब यूपी बोर्ड ने भी उन कालेजों को केंद्र बनाने की प्रक्रिया के दौरान ज्यादा नंबर देने व वरीयता देने की बात कही है जहां सीसी टीवी कैमरों में पठन-पाठन कराया जाएगा। ऐसे कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाने के लिए पहले चयनित किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कोरोना काल में फाइबर इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए गए थे। ज्यादातर विद्यालयों में ये व्यवस्था बनाई भी गई। जिले के 35 राजकीय व 94 एडेड कालेजों में से तमाम में सीसी टीवी कैमरों व हाईस्पीड इंटरनेट की व्यवस्था भी दुरुस्त हो गई है। कुछ वित्तविहीन कालेजों में अभी व्यवस्था होनी बाकी है। ऐसे में जिलास्तर पर अफसरों ने योजना बनाई है कि क्यों न अगले सत्र में कक्षाओं में होने वाली पढ़ाई को भी निगरानी में रखा जाए?
आनलाइन रहेंगे सीसीटीवी कैमरे व वाइस रिकार्डर
परीक्षाएं खत्म होने के बाद सीसी टीवी कैमरों व वाइस रिकार्डर को आनलाइन रखा जाए और शिक्षकों के समय से पहुंचने व शिक्षण कार्य कराने की गतिविधि पर नजर रखी जाए। इसके लिए जिला मुख्यालय नौरंगीलाल राजकीय इंटर कालेज में बने कंट्रोलरूम से इनको हर शिक्षण दिवस पर आनलाइन रखा जाएगा। इससे विद्यार्थी भी कक्षा में नियमित व अनुशासित रहेंगे अौर शिक्षक भी समय पर अपनी कक्षाओं में पढ़ाई कराने पहुंचेंगे। शुरुआती चरण में राजकीय व एडेड कालेजों में ये प्रयोग किया जाएगा। बाद में वित्तविहीन कालेजों काे भी इस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा। जिले में अभी तक जिन कालेजों में हाईस्पीड इंटरनेट की व्यवस्था नहीं है उनकी सूची तैयार कराई जा रही है। फाइबर कनेक्शन उपलब्ध होने से विद्यार्थियों को आनलाइन टीचिंग मैटीरियल भी उपलब्ध हो सकेगा।
इनका कहना है
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि परीक्षाओं के बाद नए सत्र से शिक्षण कार्य की आनलाइन निगरानी की योजना बनाई है। अधिकतर कालेेजों में कैमरे लगे ही हैं, इससे कोई खास दिक्कत नहीं आएगी। शिक्षा में सुधार के लिए ये कदम उठाया जाएगा। नियमित व गुणवत्तापरक शिक्षण हो इसलिए ये व्यवस्था बनाने का विचार किया गया है।