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नियम कड़वी दवा है, बाद में फायदा देगी : कुलपति

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : आगरा विवि के कुलपति प्रो. अरविंद कुमार दीक्षित ने री-इग्जाम की बद

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Sep 2017 12:47 AM (IST)Updated: Wed, 13 Sep 2017 12:47 AM (IST)
नियम कड़वी दवा है, बाद में फायदा देगी : कुलपति
नियम कड़वी दवा है, बाद में फायदा देगी : कुलपति

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ :

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आगरा विवि के कुलपति प्रो. अरविंद कुमार दीक्षित ने री-इग्जाम की बदली व्यवस्था पर कहा कि यह कड़वी दवा है, मगर भविष्य में फायदा ही करेगी। 25 हजार विद्यार्थियों के लिए सात लाख विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।

एसडी कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने री-इग्जाम की व्यवस्था को पूर्ववत करने की छात्रों की मांग को सिरे से नकार दिया। उन्होंने पूछा कि देश में कहीं ऐसा होता है क्या? तीन में से दो विषयों में फेल होने वाले को अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाए? उन्होंने कहा कि पिछली व्यवस्था के तहत विद्यार्थी तृतीय वर्ष में प्रवेश ले लेते थे और द्वितीय वर्ष पास नहीं होते। एलएलबी तृतीय वर्ष के छात्र आते हैं और कहते हैं कि उनका तृतीय वर्ष तो क्लीयर हो गया, मगर प्रथम वर्ष क्लीयर नहीं हुआ है। कुलपति ने कहा कि यह कुरीति है, इसे खत्म करना है। अगर विद्यार्थी एक विषय में फेल है तो अगली कक्षा में प्रोविजनल प्रवेश मिलेगा। अक्टूबर में परीक्षा होगी व नवंबर में परिणाम आ जाएगा। विवि की जिन कुरीतियों को खत्म करने के लिए छात्रनेता आंदोलन करते हैं, ये उन्हीं में से एक कुरीति को खत्म करने के लिए उठाया गया कदम है। इस संबंध में अगर कोई सुझाव छात्रहित में बेहतर आता है तो उस पर चर्चा भी की जाएगी।


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