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पैरों की रक्त शिराओं से कफील को दी जिंदगी

(204) जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू मेडिकल कॉलेज कॉलेज में 78 साल के कफील अहमद की ओप

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Sep 2017 01:58 AM (IST)Updated: Fri, 29 Sep 2017 01:58 AM (IST)
पैरों की रक्त शिराओं से  
कफील को दी जिंदगी
पैरों की रक्त शिराओं से कफील को दी जिंदगी

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जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : एएमयू मेडिकल कॉलेज कॉलेज में 78 साल के कफील अहमद की ओपन हार्ट सर्जरी में उसके पैरों की रक्त शिराओं का प्रयोग कर सफल ऑपरेशन किया गया। पांच घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद स्वस्थ रहने पर रोगी को छुंट्टी दे दी गई।

जमालपुर निवासी कफील अहमद सीने में पीड़ा की शिकायत लेकर मेडिकल कॉलेज की ओपीडी नंबर 11 में आए। यहां एंजियोग्राफी में उनके हृदय की रक्त कोशिकाओं में रुकावट मिली। है। कार्डियो थोरासिक सर्जरी विभाग में प्रो. एमएच बेग के नेतृत्व में डॉ. मुहम्मद आजम हसीन, डॉ. एहतशाम हुसैन नकवी, डॉ. शुमाइल रब्बानी व डॉ. मामून करीमी के दल ने शल्य चिकित्सा की। इसमें उनके पैरों की रक्त शिराओं का प्रयोग करके हृदय के रक्त की तीन शिराओं में बाईपास सर्जरी की गई। 78 वर्षीय रोगी की आयु व बीमारी को देखते हुए एनेसथीसिया देना आसान नहीं था। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए डॉ. नदीम रजा व डॉ. काशिफ जमाल के दल ने रोगी को एनेसथीसिया दिया।

अध्यक्ष प्रो. बेग ने कहा कि यह अब तक के सबसे वृद्ध रोगी थे जिनकी शल्य चिकित्सा की गई। विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद आजम हसीन ने बताया कि बाईपास सर्जरी हृदय को रोक कर तथा धड़कते हुए दिल दोनों पर की जा सकती है, परंतु रोगी की चिकित्सकीय परिस्थिति को देखते हुए धड़कते हुए हृदय पर बाईपास की गई। डॉ. सैयद एहतेशाम हुसैन नकवी ने बताया कि धड़कते हुए हृदय की बाईपास सर्जरी टेक्निकल रूप से अधिक कठिन होती है। प्रदेश में बहुत कम चिकित्सालय हैं जो इसे कर रहे हैं। प्रधानाचार्य व सीएमएस प्रो. एम अमानुल्ला खान ने टीम की सराहना की।


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