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अलीगढ़ में सड़कों पर न नमाज होेने दी जाएगी और न आरती, नई परंपरा डाली तो होगी कार्रवाई aligarh news

शहर की सभी मस्जिदों में अंदर ही नमाज अदा की गई। जिन स्थानों पर जगह नहीं थी वहां छत पर नमाज पढ़ी गई। अच्छी बात ये है कि शहर के लोग भी प्रशासन के फैसले का सहयोग कर रहे हैं। यह अच्छी

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 12:57 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 08:00 AM (IST)
अलीगढ़ में सड़कों पर न नमाज होेने दी जाएगी और न आरती, नई परंपरा डाली तो होगी कार्रवाई aligarh news
अलीगढ़ में सड़कों पर न नमाज होेने दी जाएगी और न आरती, नई परंपरा डाली तो होगी कार्रवाई aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। 12 अगस्त को सावन के अंतिम सोमवार व ईद उल जुहा की तैयारियों को लेकर शनिवार को पुलिस-प्रशासन ने बैठक की। अफसरों ने स्पष्ट किया कि शहर में किसी तरह की नई परंपरा मान्य नहीं होगी। कोई नई शुरुआत करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा कि सभी एसडीएम व सीओ अपने क्षेत्रों में पीस कमेटी की बैठक कर लोगों से शांति व सहयोग की अपील करें। अगर कोई व्यक्ति अपनी समस्या रखे उसे गंभीरता से लें और तत्काल कार्रवाई करें। संबंधित विभागों को भी अवगत कराएं।

सावन के अंतिम सोमवार की तैयारी

एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहाकि इस दिन शहर में पर्याप्त पुलिस बल रहेगा। किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहाकि सभी आपसी समझौते व भाईचारे से त्योहार मनाएं। नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल ने कहाकि इन त्योहार को लेकर नगर निगम ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। शहर में टीमों का गठन कर सफाई, पानी व प्रकाश की पूरी व्यवस्था है। अवशेष के लिए अतिरिक्त वाहन लगाए जाएंगे। मेयर मो. फुरकान ने भी तैयारियों से संबंधित सुझाव रखे। इस मौके पर एडीएम सिटी राकेश मालपाणी, एसपी देहात मणिलाल पाटीदार आदि मौजूद रहे।

न तो सड़क पर नमाज हुई   और न होने देंगे : डीएम

सड़क पर हनुमान चालीसा और नमाज पढऩे के प्रतिबंध को लेकर प्रशासन का रुख स्पष्ट है। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने कहा है कि शुक्रवार को कवरकुत्ता स्थित अमरुदद्दीन मस्जिद परिसर के चबूतरे पर नमाज हुई थी, सड़क पर न नहीं। आगे भी नहीं होने देंगे। परंपरागत कार्यक्रम के लिए सभी स्वतंत्र हैं। शुक्रवार को नमाज के दौरान प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहा। मजिस्ट्रेटों के साथ ही पुलिस फोर्स तैनात रहा। शहर की सभी मस्जिदों में अंदर ही नमाज अदा की गई। जिन स्थानों पर जगह नहीं थी, वहां छत पर नमाज पढ़ी गई। अच्छी बात ये है कि शहर के लोग भी प्रशासन के फैसले का सहयोग कर रहे हैं। यह अच्छी पहल है।

डीएम के फैसले का किया पालन

कवरकुत्ता स्थित मस्जिद के मुतवल्ली वसी अहमद ने कहाकि डीएम का फैसला स्वागत योग्य है। उन्होंने इसका शतप्रतिशत पालन कराया है। जुमे के दिन मस्जिद के चबूतरे पर ही नमाज अदा की थी। आगे भी इसी तरह अनुपालन होगा।

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