अलीगढ़ में नगर निकाय ने नहीं किया काम, गड्ढे में विकास, 44 लाख 'साफ'
विकास कार्यों के नाम पर घपले-घोटालेकम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही मामला खैर नगर पालिका का सामने आया है।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : विकास कार्यों के नाम पर घपले-घोटालेकम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही मामला खैर नगर पालिका का सामने आया है। यहां बिना काम के ही 44 लाख की धनराशि फूंक दी गई। जहां काम की जरूरत ही नहीं थी, वहां भी काम दिखा दिया गया। पिछले दिनों एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता वाली कमेटी की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ था। अब शासन स्तर से इस धनराशि की वसूली को अलग-अलग लोगों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए है। ऐसे में दोबारा से टीम ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
2017 में खैर नगर पालिका के पूर्व सभासद आस मोहम्मद व लक्ष्मी नारायण ने शासन स्तर पर एक शिकायत की थी। इसमें उन्होंने कबाड़ की नीलामी व विकास कार्यों में घालमेल की शिकायत की थी। इस पर शासन स्तर से मंडलायुक्त को जांच के निर्देश दिए। उन्होंने तत्काल यहां एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी।
विकास कराए बिना भुगतान
कमेटी ने जांच में पाया कि नगर पालिका में वित्तीय वर्ष 2014-15 व 2015-16 में विकास कार्यों के नाम पर बड़ा 'खेलÓ हुआ है। जहां काम ही नहीं हुआ, वहां के लिए भुगतान कर दिया है। सबसे अधिक घपला राज्य वित्त आयोग व नया सवेरा योजना के तहत हुए विकास कार्यों में हुआ है। निर्माण कार्यों के लिए बोर्ड की बैठक की भी अनुमति नहीं ली गई। ऐसे में करीब 44 लाख का गबन हुआ है। कबाड़ की नीलामी में भी खामी बरती गई हैं।
शासन ने वापस भेजी रिपोर्ट
जांच कमेटी ने मंडलायुक्त के माध्यम से इस रिपोर्ट को शासन को भेज दिया। लेकिन, वहां से अब इस पर आपत्ति लगा दी गई हैं। जांच कमेटी को गबन के लिए अलग-अलग लोगों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं, जिससे उनसे वसूली की जा सकती है। अब एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने धनराशि का दुरुपयोग करने वाले अफसरों की अलग-अलग जिम्मेदारी तय करनी शुरू कर दी है। एडीएम प्रशासन कृष्णलाल तिवारी ने बताया कि जांच चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।