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अलीगढ़ में मुस्लिम जोड़ों को 'कबूल' नहीं विवाह पंजीकरण

मुस्लिम जोड़े प्रदेश सरकार के विवाह पंजीकरण का नियम कबूल नहीं कर पा रहे हैं। सवा साल में यहां सिर्फ 29 मुस्लिम जोड़ों ने ही अपने निकाह का पंजीकरण कराया है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 07:33 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 09:24 AM (IST)
अलीगढ़ में मुस्लिम जोड़ों को 'कबूल' नहीं विवाह पंजीकरण
अलीगढ़ में मुस्लिम जोड़ों को 'कबूल' नहीं विवाह पंजीकरण

अलीगढ़ (सुरजीत पुंढीर)। मुस्लिम जोड़े प्रदेश सरकार के विवाह पंजीकरण का नियम 'कबूल' नहीं कर पा रहे हैं। सवा साल में यहां सिर्फ 29 मुस्लिम जोड़ों ने ही अपने निकाह का पंजीकरण कराया है। अतरौली व खैर तहसील में तो अब तक खाता तक नहीं खुल पाया है। जबकि इतने ही समय में जिले में 900 से अधिक ङ्क्षहदुओं ने अपना विवाह पंजीकरण तहसीलों में कराया है। इसमें सबसे अधिक सदर तहसील में 379 ङ्क्षहदू जोड़े शामिल हैं।

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ये है नियम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सूबे में सत्ता संभालने के साथ ही सिंतबर 2017 में उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली-2017 को लागू कर दिया था। इसमें पूर्व की नियमावली के सापेक्ष कई बदलाव किए गए थे। सरकार ने नए नियम में सभी धर्मों के लोगों के लिए शादी पंजीकरण कराना अनिवार्य किया था। इसमें मुस्लिमों को अधिकतम चार शादी करने की छूट दी गई। इसके साथ ही ङ्क्षहदू को एक शादी करने का मौका दिया है। हालांकि सरकार ने किसी भी धर्म-समुदाय के रीति रिवाज में कोई बदलाव नहीं किया।

नहीं दिखाई दे रही दिलचस्पी
भले ही सरकार ने मुस्लिमों के लिए शादी का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया हो, लेकिन इसमें लोग इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। शुरुआत के दो-तीन महीने तो प्रशासन ने इसके प्रचार-प्रसार में निकाल दिए। इसके बाद कुछ पंजीकरण होने शुरू हुए। अब इसे नियम को लागू हुए कई महीने बीत गए हैं, लेकिन अब तक कोई में विशेष दिलचस्पी नहीं ले रहा है। एक जनवरी से 2017 से अब तक 29 मुसिलम जोड़ों ने पंजीकरण कराया है। इसमें कोल तहसील में सबसे अधिक 26 जोड़े शामिल हैं। इसके साथ ही गभाना में एक तो इगलास में दो पंजीकरण हुए हैं। अतरौली व खैर में इनकी संख्या शून्य है।

कोल तहसील में सबसे अधिक
 जिले में 900 से अधिक ङ्क्षहदुओं ने विवाह पंजीकरण कराया है। इसमें सबसे अधिक कोल तहसील से हैं। यहां तीन रजिस्ट्रार ऑफिस हैं। इसमें प्रथम में 142, द्वितीय में 169 व तृतीय में 127 जोड़ों के विवाह पंजीकरण हुए हैं।

सवा साल में विवाह पंजीकरण की स्थिति
तहसील, ङ्क्षहदू, मुस्लिम
कोल, 379, 26
अतरौली, 26, 00
गभाना, 89, 01
खैर, 145, 00
इगलास, 217, 02

10 लाख से ज्यादा आबादी
2011 की आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना के हिसाब से जिले की आबादी 37 लाख के करीब है। इसमें 10 लाख से अधिक मुस्लिम जनसंख्या है। इसमें एक चौथाई शिक्षित लोग हैं। ऐसे हर कार्यक्रमों में भी इनकी संख्या अच्छी होती है। सरकार से संचालित योजनाओं के लाभ में भी अच्छी खासी हिस्सेदारी रहती है।

ईसाई की संख्या है शून्य
मुस्लिमों के साथ ही ईसाई समुदाय भी विवाह पंजीकरण कराने में काफी पीछे है। जिले में महज एक जोड़े ने ही अपना पंजीकरण कराया है।

अहम बातें
-जिले में एक जनवरी 2017 से अब तक 29 जोड़ों ने ही कराया है अपना पंजीकरण
-अतरौली व खैर तहसील में विवाह पंजीकरण क नहीं खुल पाया है अब तक खाता
-इतने ही समय में 900 से अधिक ङ्क्षहदू जोड़ों ने रजिस्ट्रार के यहां कराया है पंजीकरण
-दो साल पहले प्रदेश सरकार ने मुस्लिमों के लिए पंजीकरण कर दिया था अनिवार्य

मुस्लिम नहीं ले रहे दिलचस्पी
सहायक महानिरीक्षक ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि 2017 के बाद से सरकार ने विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया था, लेकिन अब तक मुस्लिम समाज के जोड़े ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इसी कारण यहां काफी कम संख्या है।
 


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