सीएए के खिलाफ मुस्लिम इलाकों के बाजार बंद, महिलाओं ने किया रोड जाम aligarh news
आजादी के नारे लगातीं करीब छह सौ महिलाएं धरने पर बैठ गईं और रोड जाम कर दिया। शाम तक यहां हजारों की संख्या में भीड़ हो गई।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सीएए के खिलाफ बंद के आह्वान का असर अलीगढ़ के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में देखने को मिला। बाजार बंद रहे। ऊपरकोट क्षेत्र में सन्नाटा पसरा रहा। रेलवे रोड पर भी कुछ दुकानें बंद थीं। अन्य दिनों की तरह भीड़ नहीं थी। हालांकि, सुरक्षा की दृष्टि से सुबह से ही पुलिस तैनात रही, लेकिन दोपहर शाहजमाल में महिलाएं सड़क पर आ गईं। आजादी के नारे लगातीं करीब छह सौ महिलाएं धरने पर बैठ गईं और रोड जाम कर दिया। शाम तक यहां हजारों की संख्या में भीड़ हो गई। पास ही स्थित ईदगाह के चारों ओर भीड़ एकत्रित होने से प्रशासन में खलबली मच गई। इसके चलते आरएएफ बुला ली गई है।
पुलिस पर मुकदमे के लिए याचिका दायर
एएमयू में 15 दिसंबर को हुए बवाल के मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए छात्रों की ओर से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया है। हालांकि इस पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
एएमयू छात्रों की बनाई गई
कोआर्डिनेशन कमेटी की ओर से इस संबंध में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने मंगलवार को मीडिया को यह जानकारी दी। कहा, 15 दिसंबर को पुलिस व आरएएफ ने छात्रों पर दमनकारी लाठियां बरसाईं। कोआर्डिनेशन कमेटी की ओर से इस मामले में कार्रवाई को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसे न्यायालय ने सुनवाई के लिए अन्य दो याचिकाओं के साथ शामिल कर लिया है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग मामले की जांच कर रहा है। कमेटी ने आयोग के समक्ष भी पक्ष रखा है। फैजुल हसन ने बताया कि कमेटी की ओर से अब सीजेएम की अदालत में भी 156 (3) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। सीओ सिविल लाइन अनिल समानिया का कहना है कि हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है। पुलिस व छात्र इस मामले में अपना पक्ष रख चुके हैं। सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दी गई तहरीर केवल छात्रों का ध्यान आकर्षण करना है।
मानवाधिकार आयोग की टीम फिर आई जांच को
एएमयू बवाल की जांच करने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम मंगलवार को दूसरी बार अलीगढ़ आई है। एसएसपी मंजिल सैनी के नेतृत्व में आई टीम ने पहले चरण में जांच कर प्रकरण से जुड़े पुलिस- प्रशासनिक अफसरों, आरपीएफ, पीएसी, छात्र-छात्राओं के अलावा दीनदयाल जिला चिकित्सालय, जेएन मेडिकल कॉलेज, रेलवे अफसरों समेत कुल 117 लोगों के बयान दर्ज किए थे। टीम ने घटना से जुड़े वीडियो फुटेज, सीसीटीवी कैमरे की फुटेज समेत अन्य दस्तावेज हासिल किए थे। टीम इस मामले में अपनी 80 फीसदी जांच पूरी कर चुकी है। दूसरे चरण में मंगलवार को फिर से टीम यहां पहुंच गई। टीम सर्किट हाउस में ठहरी है, जहां वह प्रकरण में शेष बचे आरपीएफ, पीएसी बल व छात्रों व घटना के संबंध में अपना पक्ष रखने वाले लोगों के बयान दर्ज करेगी। एसएसपी मंजिल सैनी ने टीम के पहुंचने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकरण में पहुंचकर अपने लिखित व मौखिक बयान दर्ज करा सकता है।