Move to Jagran APP

नगर निगम के अफसरों को नहीं भायीं इलेक्ट्रिक कारें, फूंक रहे डीजल Aligarh news

नगर निगम में इलेक्ट्रिक कारें अफसरों को भा नहीं रहीं। यही वजह है कि अधिकतर अधिकारी बोलेरो में ही सवार होकर फील्ड निकलते हैं और डीजल का खर्चा बढ़ा रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारें या तो सेवाभवन में खड़ी नजर आती हैं या फिर अधिकारियों के अधीनस्थ इन्हें दौड़ाते हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 02:46 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 02:46 PM (IST)
नगर निगम के अफसरों को नहीं भायीं इलेक्ट्रिक कारें, फूंक रहे डीजल Aligarh news
नगर निगम में इलेक्ट्रिक कारें अफसरों को भा नहीं रहीं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  नगर निगम में इलेक्ट्रिक कारें अफसरों को भा नहीं रहीं। यही वजह है कि अधिकतर अधिकारी बोलेरो में ही सवार होकर फील्ड निकलते हैं और डीजल का खर्चा बढ़ा रहे हैं। इलेक्ट्रिक कारें या तो सेवाभवन में खड़ी नजर आती हैं, या फिर अधिकारियों के अधीनस्थ इन्हें दौड़ाते हैं। हालांकि, अफसरों का कहना है कि बारिश के दिनों में ही इलेक्ट्रिक कारों का परित्याग किया था। क्योंकि जलभराव वाले इलाकों में इन्हें चलाना मुश्किल था। पानी में ये कारें बंद हो जाती हैं। फिर स्टार्ट करने में काफी परेशानी होती है। अब वे इलेक्ट्रिक कार में ही चल रहे हैं। लेकिन, सेवाभवन में खड़ी इलेक्ट्रिक कारों की कतार कुछ और ही बयां कर रही है।

loksabha election banner

कानपुर की ट्रैवल एजेंसी से 16 लग्‍जरी गाड़ियां मंगायी गयी थीं

नगर निगम में कानपुर की ट्रैवल एजेंसी से 16 लग्जरी गाड़ियां अधिकारियों के लिए किराए पर मंगाई गई थीं। इनमें बोलेरो का किराया 39 हजार रुपये व इनोवा का किराया करीब 50 हजार रुपये था। 2019 में तत्कालीन नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल ने निगम का खर्चा कम करने के लिए इलेक्ट्रिक कार मंगाने का निर्णय लिया। ईईएसएल कंपनी से अनुबंध कर कुछ समय बाद किराए पर छह इलेक्ट्रिक कार मंगा लीं। वहीं, सात बोलेरो वापस कानपुर भिजवा दी गईं। इलेक्ट्रिक कारें जोनल अधिकारी व विभागाध्यक्षों की सुपुर्दगी में दे दी गईं। इन्हीं कारों से अधिकारी फील्ड में निकलते। लेकिन पिछले छह माह से इन कारों में स्वच्छता निरीक्षक, स्टोर से जुड़े कर्मचारी ही सवार नजर आ रहे हैं। जबकि, ये कर्मचारी इन कारों के लिए अधिकृत नहीं है। जिन अधिकारियों को ये कारें दी गई हैं, वे बोलेरो में ही निकलते हैं।

इनका कहना है

अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त का कहना है कि जिन अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कारें दी गई हैं, वही अधिकारी इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। कोई कर्मचारी कारों के लिए अधिकृत नहीं है। संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी है कि वह देखें की कार का उपयोग कौन कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.