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दुग्ध उत्पाद का ब्रांड बनेगा नगर निगम, यूपी की पहली डेयरी अलीगढ़ में, मिलेगा देशी घी और पनीर के साथ येे सब

सड़क सफाई में उलझा नगर निगम दुग्ध उत्पाद का ब्रांड बनेगा। बाजार में निगम का देशी घी पनीर और दही उपलब्ध होगा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 01:06 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 03:47 PM (IST)
दुग्ध उत्पाद का ब्रांड बनेगा नगर निगम, यूपी की पहली डेयरी अलीगढ़ में, मिलेगा देशी घी और पनीर के साथ येे सब
दुग्ध उत्पाद का ब्रांड बनेगा नगर निगम, यूपी की पहली डेयरी अलीगढ़ में, मिलेगा देशी घी और पनीर के साथ येे सब

अलीगढ़ [ लोकेश शर्मा ] : सड़क, सफाई में उलझा नगर निगम दुग्ध उत्पाद का ब्रांड बनेगा। बाजार में निगम का देशी घी, पनीर और दही उपलब्ध होगा। दाह-संस्कार के लिए गोबर निर्मित सामग्री, गोमूत्र से फिनायल, जैविक खाद बनाने की तैयारी भी है। गोशालाओं के जरिए निगम ने कुछ ऐसे ही प्रयास शुरू कर दिए हैं। इन गोशालाओं में डेयरी खोली जाएंगी। मुहिम कामयाब रही तो चंदे से चलने वाली गोशालाएं रोजगार भी मुहैया कराएंगी। प्रदेश में पहली बार इस तरह की शुरूआत अलीगढ़ की कान्हा गोशाला में हो रही है।

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गोशाल में दस कर्मचारी तैनात

आगरा रोड स्थित साईं विहार में कान्हा गोशाला व बेसहारा पशु आश्रय योजना के तहत तीन एकड़ में गोशाला का निर्माण हुआ है। 7.20 करोड के इस प्रोजेक्ट पर कई महीनों से काम चल रहा था। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद निगम ने व्यवस्थाएं जुटाना शुरू कर दिया। लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में गोशाला का शुभारंभ कर दिया। वर्तमान में यहां 220 गाय हैं। इनके लिए हरा चारा, भूसा, पानी के अलावा उपचार के लिए चिकित्सकों की व्यवस्था भी है। स्टोर में पशुओं की दवाएं उपलब्ध हैं। वेटनरी अस्पताल के अलावा गायों के विचरण के लिए मैदान भी तैयार हो रहा है। गोशाला में 10 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

गोबर से विद्युत आपूर्ति

गाय के गोबर गोशाला में विद्युत आपूर्ति हो रही है। इसके बाद बायोगैस संयत्र लगाया गया है। बायोगैस से पांच किलोवाट का जेनरेटर संचालित होता है। इससे सबमर्सिबल, लाइट, पंखे चलते हैं। गोबर के बनाने के लिए मशीन खरीदी जा रही है। ये दाह-संस्कार में काम आते हैं।

नस्ल सुधार

दुग्ध उत्पाद के लिए अच्छी नस्ल की गाय खरीदी जाएंगी, जो अधिक दूध देती हैं। इसके अलावा नस्ल सुधार की योजना भी है। हरियाणा की साहिवाल व गुजरात की गिर नस्ल के सांड के सीमन से पकड़ी गई देशी गायों का कृत्रिम गर्भधान कराया जाएगा। इससे पैदा हुई बछिया तीन साल बाद उन्नत नस्ल में तब्दील हो जाएगी। उसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता 12 से 14 लीटर की होगी।

गोशाला में लगेगी यूनिट

देशी घी, पनीर, दही बनाने के लिए गोशाला में यूनिट लगाई जा रही है। एक यूनिट में तीनों प्रोडक्ट तैयार होंगे। ये प्रोडक्ट नगर निगम मार्का से बाजार में उतारने की योजना है। इससे जो कमाई होगी, वह गोशालाओं के विकास में काम आएगी। गोशाला प्रभारी रामजीलाल का कहना है कि गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुग्ध उत्पाद तैयार कर मार्केटिंग की योजना है। देशी घी, पनीर, दही नगर निगम अपने ब्रांड से बेचेगा। इस कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है।


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