सादगी से मना मुहर्रम, आतंकवाद व कोरोना से मुक्ति की दुआ Aligarh news
लोगों ने घरों में रहकर ही इस दिवस को आतंकवाद निरोधक दिवस के रूप में मनाया। कोरोना से जल्द मुक्ति की दुआ की। करबला के दरवाजे बंद रहे लोगों ने गेट पर ही मन्नत के धागे बांधे।
अलीगढ़, जेएनएन। इमाम हुसैन का शहादत दिवस यानी दसवें मुहर्रम में पहली बार कोरोना के चलते जुलूस नहीं निकाले गए। लोगों ने घरों में रहकर ही इस दिवस को आतंकवाद निरोधक दिवस के रूप में मनाया। कोरोना से जल्द मुक्ति की दुआ भी की गई। करबला के दरवाजे बंद रहे, लेकिन फिर भी लोग वहां पहुंचे और गेट पर ही मन्नत के धागे बांधे। एएमयू के बेतुलसलात में भी आठ-दस लोगों ने मजलिस की। हर साल यहां हजारों लोग शामिल होते थे।
सरकार के दिशा निर्देशों का पूर्ण पालन हो, इसके लिए पुलिस तो मुस्तैद रही ही, करबाला व इमामबाड़ों से जुड़े लोग भी जुटे रहे। करबाला के मुतवल्ली मुख्तार जैदी दोपहर एक बजे से ही शाहजमाल स्थित करबला पहुंच गए। उन्होंने गेट को पहले ही बंद करा दिया था, ताकि लोग अंदर न जा सकें। देहलीगेट पुलिस भी यहां तैनात रही। लोग मन्नतें मांगने पहुंचे। उन्हें गेट पर इस आशय के धागे भी बांधे। एएमयू के बैतुलसलात में भी सुुबह मजलिस के समय सन्नाटा रहा। अंजुमन तनजीम उल अजा एएमयू के जनरल सेक्रेटरी नादिर अब्बास नकवी ने बताया कि मजलिस में आठ-दस लोग ही शामिल हुए होंगे। बैतुलसलात के अंदर ही लोगों ने ताबूत उठाया। पहले उसे लेकर करबला जाते थे, जिसमें हजारों की भीड़ हुआ करती थी। ताबूत के दर्शन के लिए लोग शाम तक आते रहे। सभी के लिए सैनिटाइजर व तापमान चेक करने के लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल किया गया। शारीरिक दूरी का खास ख्याल रखा गया। इस दिन को आतंक विरोधी दिवस के रूप में मनाया। यजीद सबसे बड़ा आतंकवादी था। इंसानियत को बचाने के लिए इमाम हुसैन ने उससे जंग लड़ी थी। वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है। इसलिए सभी ने कोरोना से मुक्ति की भी दुआ की। मौलाना महबूब हल्लोरी ने मजलिस को संबोधित किया। लोगों ने काले कपड़े पहनकर घरों में भी मातम मनाया। नंगे पैर रहे। ताबूत के दर्शन के बाद फाका (खाना खाया) तोड़ा।
कायम रहे भाईचारा
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के महानगर अध्यक्ष बाबा फरीद आजाद की अध्यक्षता में मुहर्रम आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में भुजपूरा स्थित कार्यालय पर मनाया गया। देश की एकता, भाईचारे और कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ की गई। इस अवसर पर मजहरउद्दीन, इमरान, हसीन, कमालुद्दीन, बबलू, दिलशाद, अब्बासी मौजूद रहे।