कोरोना में थमी जिंदगी तो मां ने बढ़ाया आत्मविश्वास Aligarh news
वैश्विक महामारी कोरोना ने नागरिकों को ऐसा अनुभव कराया है जिसकी कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। यह एक ऐसा दौर था जहां लाॅकडाउन के चलते स्कूल-काॅलेज ऑफिस सब बंद होने की वजह से सबकी जिंदगी बदल गई । अपनी व्यस्त जिंदगी को छोड़कर आराम की जिंदगी जीने लगे।
अलीगढ़़, जेएनएन : प्रिय मां, वैश्विक महामारी कोरोना ने नागरिकों को ऐसा अनुभव कराया है, जिसकी कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। यह एक ऐसा दौर था, जहां लाॅकडाउन के चलते स्कूल-काॅलेज, ऑफिस सब बंद होने की वजह से सबकी जिंदगी बदल गई । सब अपनी व्यस्त जिंदगी को छोड़कर आराम की जिंदगी जीने लगे। बस अकेली आप थीं, जिसकी जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया। आप तो पहले से और भी ज्यादा व्यस्त हो गई। पहले तो आप हमारे स्कूल जाने के बाद आराम कर लेती थीं। मगर अब ऐसा नहीं कर पा रही हो। अब तो आप पूरे दिन सब की अलग-अलग फरमाइशों को पूरा करने में लगी रहती हो। कोरोना घर में ना आ जाए इसलिए आप हर छोटी -से-छोटी चीजों का बहुत ध्यान रखती हो। पहले से ज्यादा सफाई रखती हो। घर में आने वाली हर चीजों को धोना फिर कम-से-कम उन्हें सात-आठ घंटों तक रखना फिर प्रयोग में लाना सबका भार आपके ऊपर आ गया है। यह तो बस आप हो जो इतना सब कुछ करने के बाद भी किसी से कुछ नहीं कहती। सब खुशी से करती हो। आपने हमेशा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है।
थम सी गयी थी हमारी जिंदगी
कोरोना की वजह से हमारी जिंदगी थम सी गयी थी, पर मां आपकी वजह से मैंने इस समय में जिंदगी जीने का तरीका सीखा। आपकी वजह से मेरी नए-नए कामों में दिलचस्पी बढ़ी। मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। जिस प्रकार आप आसपास के लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रही हो, गरीब लोगों को मास्क और खाना बांट रही हो। वैसे ही मैं भी लोगों की मदद कर रही हूं। जिन लोगों को बिना मास्क के देखती हूं उन्हें मास्क लगाने के लिए प्रेरित करती हूं। लोगों को सोशल-डिस्टेंसिग के बारे में बताकर कोरोना के प्रति जागरूक करने की कोशिश कर रही हूं। घर आने के बाद हाथों को सैनिटाइज करना, कुछ भी छूने से पहले हाथ धोना, गंदे हाथ मुंह पर ना लगाना, अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए पौष्टिक आहार लेना आदि ऐसे ही छोटे-छोटे उपाय करके हम वैश्विक महामारी कोरोना को हरा सकते हैं। मुझसे जब भी कोई गलती हुई हैं, आपने हमेशा मेरे साथ खड़े रहकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया और सुधारने में मेरी मदद की। इन सब के लिए मैं आपको धन्यवाद करती हूं।
आपकी कही बातें याद आईं
मुझे याद है आपने कहा था कि कोई भी मुश्किल हो साथ मिलकर पार की जा सकती है। जीवन में हिम्मत और निडरता से काम करने से कोई भी समस्या खत्म हो सकती है। इस महामारी को भी हम हिम्मत और निडरता से हरा सकते हैं। मुश्किल घड़ी में आपकी सलाह ने सबको सुरक्षित रखा। मैं आपसे वादा करती हूं कि आपके दिए सभी संस्कारों, सलाहों का हमेशा ध्यान रखूंगी और उन पर अमल भी करूंगी।
नंदिनी सिंह, इंटरमीडिएट, ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल
जागरूकता ही है कोविड-19 से लड़ने की दवा
कोविड-19 महामारी ने भारत ही नहीं पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। मेडिकल साइंस के सामने विस्मय बनकर उभरा कोविड-19 वायरस जिसकी कोई दवा या वैक्सीन अभी नहीं आ सकी है। मगर इससे लड़ने की दवा जागरूकता जरूर है। जो हर किसी से हर किसी को मिल सकती है। नियमों व सुरक्षा उपायों के पालन की जागरूकता हर व्यक्ति में हो तो इस वायरस के प्रकोप को काफी हद तक रोका जा सकता है। नंदिनी की मां ने भी यही काम किया और अब नंदिनी लोगों को इसी जागरूकता के जरिए इस महामारी से बचाने का काम कर रही है। बाहर से आए खाद्यों या अन्य सामान को सैनिटाइज करना, अच्छे से धोना व छह से सात घंटे के बाद उपयोग करना आदि जरूरी बातें सभी को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा सकती हैं। इसके अलावा घर से बाहर जाने पर मास्क लगाना, एक-दूसरे के बीच दो गज की दूरी रखना, हाथ धोना या सैनिटाइज करना आदि नियमों का पालन करनेे से भी इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। इसके अलावा विषय समय में धैर्य व दृढ़ इच्छाशक्ति से ही काम लेना हितकर रहता है। बुरा समय कुछ ज्यादा दिन के लिए रह सकता है मगर हमेशा के लिए नहीं रह सकता। सरकार कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने की ओर तेजी से काम कर रही है। इसलिए जब तक कोविड-19 की वैक्सीन नहीं आती तब तक विशेष रूप से सजगता बरतते हुए संक्रमण से बचाव के तरीके अपनाना जरूरी है। इसी तरह खुद का व अपने परिवार का ध्यान रख सकते हैं।