सदन में छाया दैनिक जागरण, विधायकों ने दिखाई अलीगढ़ की हकीकत Aligarh News
दैनिक जागरण में प्रकाशित तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इसमें महिलाओं के हाथों में ईंट-पत्थर लिए हैैं। क्या यही इनका शांतिपूर्वक प्रदर्शन है?
अलीगढ़ [जेएनएन]: लखनऊ में सोमवार को विधानसभा में दैनिक जागरण छाया रहा। सदन में नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी ने अलीगढ़ के बवाल का मुद्दा उठाया। कहा, अलीगढ़ में रविवार को बवाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई। शांतिपूर्वक धरना दे रही महिलाओं पर लाठीचार्ज किया गया। इस पर शहर विधायक संजीव राजा, कोल अनिल पाराशर और छर्रा विधायक रवेंद्र पाल सिंह खड़े हो गए। दैनिक जागरण में प्रकाशित तस्वीर दिखाते हुए कहा कि इसमें महिलाओं के हाथों में ईंट-पत्थर लिए हैैं। क्या यही इनका शांतिपूर्वक प्रदर्शन है? ऐसी स्थिति में पुलिस के पास और क्या रास्ता हो सकता था? इस पर नेता विपक्ष के तेवर ढीले पड़ गए।
नेता विपक्ष कर रहे सदन को गुमराह
शहर विधायक संजीव राजा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गलत सूचना देकर सदन को गुमराह कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि रविवार को उपद्रवियों ने इंस्पेक्टर की गाड़ी को घेरकर हमला किया। आरएएफ की मिनी बस में तोडफ़ोड़ की। पुलिस पथराव किया। महिलाओं ने भी ईंट-पत्थर बरसाए। ऐसी स्थिति में पुलिस-प्रशासन क्या करता?
सदन को भ्रमित करना दुर्भाग्यपूर्ण
इतना बोलते ही कोल विधायक अनिल पाराशर और छर्रा विधायक रवेंद्र पाल सिंह भी उग्र हो गए। बोले, बिना हकीकत जाने नेता प्रतिपक्ष ने सदन में कैसे गलत सवाल उठा दिए हैैं? कोल विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार की सख्ती के चलते अलीगढ़ में माहौल खराब नहीं हो सका। सदन को भ्रमित करना दुर्भाग्यपूर्ण है। छर्रा विधायक ने कहा कि उपद्रवी शहर का माहौल खराब कर रहे हैं। पुलिस व दूसरे संप्रदाय के लोगों पर हमला कर रहे हैं। सरकार को कठोर कदम उठाना पड़ेगा। तीनों विधायकों के खड़े होने पर भाजपा के बाकी विधायक भी समर्थन में आ गए। राम गोविंद चौधरी ने कहा कि अलीगढ़ में हुए बवाल की जांच होनी चाहिए।
एएमयू छात्राएं भड़का रहीं महिलाओं को
शहर विधायक ने सदन में कहा कि एएमयू की छात्राएं शहर का माहौल खराब कर रही हैं। शाहजमाल, ऊपरकोट, बाबरी मंडी में जाकर महिलाओं को उकसा रही हैं। इससे माहौल खराब हो रहा है।
सदन के माध्यम से भेजा जाए प्रस्ताव
कोल विधायक ने एएमयू में आरक्षण का मुद्दा उठाया। कहा,एएमयू में अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया जाए। इसके लिए सदन से प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाए।