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Aligarh News: पूर्व विधायक की हत्या के लिए चेयरमैन के कार्यालय में रुके थे बदमाश, पुलिस को मिलीं अहम जानकारी

Former MLA Pramod Gaud murder पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ की हत्‍या कराने के प्रयास का मामला गर्माता जा रहा है। बदमाशों ने पूछताछ में अहम जानकारियां दी हैं जिन पर पुलिस होम वर्क कर रही है। बदमाश खैर के चेयरमैन के कार्यालय पर भी रुके थे।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 01 Sep 2022 06:58 AM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2022 01:31 PM (IST)
Aligarh News: पूर्व विधायक की हत्या के लिए चेयरमैन के कार्यालय में रुके थे बदमाश, पुलिस को मिलीं अहम जानकारी
पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने एसएसपी कलानिधि नैथानी से की थी शिकायत।

अलीगढ़, संतोष शर्मा। पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ की हत्‍या कराने के प्रयास का मामला गर्माता जा रहा है। बदमाशों ने पूछताछ में अहम जानकारियां दी हैं, जिन पर पुलिस होम वर्क कर रही है। अहम बात यह है कि पूर्व विधायक की हत्‍या के लिए बदमाश चेयरमैन के कार्यालय पर भी रुके थे।  

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पूर्व विधायक प्रमोद गौड को हो गया था शक

Former MLA Pramed Gaur की हत्या के लिए बदमाशों ने कई दिन रैकी की। इन्हें खैर के होटल में चेयरमैन संजीव अग्रवाल के करीबी विकास उर्फ बाबी ने ही रुकवाया था। बाद में बदमाश चेयरमैन के कार्यालय में रुके। यहीं हथियार दिए गए। हत्या की योजना का शक प्रमोद गौड़ को भी हो गया था। इसकी शिकायत की तो एक बार तो पुलिस ने इसे संदिग्ध मान लिया था। क्योंकि 2018-19 में पूर्व विधायक द्वारा की गई जांच में ज्यादा दम नहीं मिला था।

चेयरमैन की भूमिका संदिग्‍ध

23 अगस्त को एसपी देहात पलाश बंसल और एडीएम प्रशासन डीपी पाल करवन नदी की जमीन पर कब्जे की जांच को गए तो वहां खैर नगर पंचायत के चेयरमैन संजीव कुमार अग्रवाल की भूमिका संदिग्ध पाई गई। एसपी देहात ने एसएसपी से मंथन कर आपरेशन सीक्रेट की योजना बनाई। योजना ऐसी बनी कि सीओ खैर, इंस्पेक्टर व इलाका पुलिस को शामिल ही नहीं किया गया। क्राइम ब्रांच, एसओजी, सर्विलांस को टीम का हिस्सा बनाया। पुलिस के लिए बदमाशों तक पहुंचाने में मददगार हुए सीसीटीवी कैमरे, फोन डिटेल। चेयरमैन ने अपने बचाव के लिए हर कोशिश की, लेकिन सबूतों के आगे एक नहीं चली।

 जांच में संदिग्‍ध मिले लोग

पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ Former MLA Pramed Gaur ने चेयरमैन संजीव कुमार अग्रवाल, बुलंदशहर के हिस्ट्रीशीटर राजकुमार जाट और खैर निवासी विकास शर्मा उर्फ बाबी पर हत्या किए जाने का शक जताया था। इस आधार पर पुलिस ने सबसे पहले राजकुमार के फोन की काल डिटेल खंगाली। उसके संपर्क में पांच-छह संदिग्ध पाए गए। छह अगस्त से 16 अगस्त तक ये लोग राजकुमार के लगातार संपर्क में थे। इसी अवधि में कस्बा में इनकी उपस्थिति भी मिली। ये सभी लोग विकास शर्मा उर्फ बाबी के भी संपर्क में थे।

बदमाशों को होटल में रुकवाया

पुलिस ने बुलंदशहर की कोतवाली क्षेत्र के देवीपुरा निवासी संजय, बुलंदशहर के कृष्णा नगर देवीपुरा निवासी राहुल शर्मा और सिकंद्राबाद के छसिया निवासी करन सैनी को उठाया। इनसे पता चला कि कस्बा में इन्हें क्यों भेजा गया है। इसके बाद तो पुलिस टीम की जांच और तेज हो गई। बदमाशों से पता चला कि दो दिन उन्हें कस्बा के होटल टाउन प्लाजा में रुकवाया गया। वहां खर्च अधिक होने के के चलते बाद में चेयरमैन के कार्यालय में रुकवाया गया। इसके बाद मंगलवार को पुलिस ने राजकुमार को गिरफ्तार किया।

पुलिस को और बदमाशों की तलाश

विकास शर्मा उर्फ बाबी को बुधवार दोपहर तीन बजे और चेयरमैन संजीव कुमार अग्रवाल को करीब साढ़े चार बजे घर से पकड़ा। सभी का एक-दूसरे से आमना- सामना कराया गया और कड़ी से कड़ी जुड़तीं चली गईं। इसके बाद पुलिस सभी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अभी दो-तीन बदमाशों की पुलिस को और तलाश है।

चेयरमैन के कार्यालय हथियारों संग दिखे बदमाश

पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के मोबाइलों को चेक किया गया तो उसमें कई फोटो व वीडियो मिले। कुछ ऐसे फोटो मिले जो चेयरमैन के कार्यालय में लिए थे। जिसमें बदमाश हथियारों संग खुशी मुद्रा में नजर आ रहे हैं। पुलिस ने इसकी पुष्टि के लिए फोटो में दिख रहे फर्श और कार्यालय के फर्श को देखा तो एक जैसे मिला। सीसीटीवी कैमरे में दो बदमाश पूर्व विधायक की रैकी करते बाइक पर नजर आए हैं। पुलिस ने तीन बाइक व एक कार बरामद की है।

जेल में हिस्ट्रीशीटर राजकुमार की गुर्गों से हुई मुलाकात

हिस्ट्रीशीटर राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसकी बुलंदशहर जेल में राहुल शर्मा व संजय शर्मा से मुलाकात हुई थी। चेयरमैन से बात होने के बाद प्रमोद गौड़ की हत्या करने के लिए अन्य से संपर्क किया। छह अगस्त को रेकी के लिए अलीगढ़ भेजा गया। विकास उर्फ बाबी ने खैर स्थित होटल में इनकों ठहराया गया। होटल के रजिस्ट्रार में इनके ठहरने का रिकार्ड भी मिला है। होटल के बाद चेयरमैन के कार्यालय में रुकवाया गया। यहां फोटो, वीडियो भी पुलिस को मिले हैं। हथियार भी यहीं दिए गए। इसके बाद पूर्व विधायक के घर व कालेज की रैकी कार्रवाई गई। सीसीटीवी फुटेज में इसकी पुष्टि भी हुई है। रैकी के साथ ही एक लाख रुपये संजीव कुमार ने बतौर एडवांस दिए थे। इस मामले में पकड़ा गया संजय 15 साल, राहुल नौ साल और करन पांच साल बाद जेल बाहर आया है।

बदमाश की बाइक छुड़वाने की चेयरमैन ने थी पैरवी

पुलिस एक महत्वपूर्ण सुराग ये भी मिला कि 12 अगस्त को राजकुमार जाट के गुर्गे बबलू पहलवान का ड्राइवर सागर देर रात सिगरेट पीने के लिए बाइक से गया था। खैर थाने की लैपर्ड मोबाइल ने उसे चोरी की मोटर साइकिल के शक में पकड़ लिया। जिसे छुड़वाने के लिए खैर चेयरमैन संजीव कुमार ने पैरवी की। पुलिस ने पैरवी नहीं मानी और बाइक को सीज कर दिया।

ये महत्वपूर्ण साक्ष्य भी लगे पुलिस के हाथ

  1.  चेयरमैन संजीव कुमार उर्फ बिट्टू व हिस्ट्रीशीटर राजकुमार जाट के बीच मार्च से 11 अगस्त तक कई बार बात हुई। राजकुमार की कस्बा खैर में उपस्थिति भी पाई गई।
  2.  ठेकेदार विकास शर्मा की राजकुमार जाट से जनवरी से 21 अगस्त तक फोन पर हुई बातचीत के भी साक्ष्य मिले।
  3.  संजीव अग्रवाल की बबलू पहलवान के ड्राइवर सागर उर्फ कालिया से 12 अगस्त को कई बार फोन पर बात हुई है। सागर आठ अगस्त से 13 अगस्त तक खैर में मौजूद रहा।
  4.  अगस्त में राजकुमार जाट व अन्य आरोपितों के बीच फोन पर हुई बातचीत के भी साक्ष्य मिले हैं। बबलू पहलवान व संजय से भी लगातार बात हुई।
  5.  राहुल शर्मा व विकास उर्फ बाबी की रैकी करते हुए की सीसीटीवी फुटेज मिली है।
  6.  होटल टाउन प्लाजा में ठहराव संबंधी अभिलेख पुलिस को मिले हैं।
  7.  संजीव अग्रवाल के कार्यालय से बदमाशों को हथियार सप्लाई होने की फुटेज मिली है।
  8.  विकास शर्मा, संजय व राहुल शर्मा व अन्य आरोपित सात अगस्त से 18 अगस्त तक टेक्स्ट मैसेज, काल व वाट्सएप से एक-दूसरे से संपर्क में रहे।

बुलंदशहर के शातिर हैं अपराधी

राजकुमार जाट पर थाना खुर्जा नगर में 16 मुकदमे पंजीकृत हैं। 1978 में आम्र्स एक्ट, जानलेवा हमले, चोरी में चार मुकदमे दर्ज हुए थे। 1984 में हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ। 2001 में भी हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। इनके अलावा लूट, आबकारी अधिनियम व अन्य आरोपों में मुकदमे दर्ज किए गए थे।

करन पर सिकंदराराऊ, सलेमपुर व जहांगीराबाद में 10 मुकदमे हैं। 2018 में जहांगीराबाद पुलिस ने गैंगस्टर लगाई थी। जानलेवा हमले, लूट का प्रयास आदि मामलों में भी मुकदमे दर्ज हैं।

संजय पर कोतवाली (बुलंदशहर) में नौ मुकदमे पंजीकृत हैं। 2008 व 2009 में इस पर गैंगस्टर में कार्रवाई हुई। जानलेवा हमला, आम्र्स एक्ट में भी मामले पंजीकृत किए गए।

राहुल शर्मा पर कोतवाली (बुलंदशहर) में आठ मुकदमे हैं। 2007 में गैंगस्टर लगा। जानलेवा हमले, आम्र्स एक्ट के मामले भी हैं।

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संजीव अग्रवाल पर थाना खैर में चार मुकदमे पंजीकृत हैं। 2010 में पहला मामला फर्जीवाड़े का दर्ज हुआ था। 2011 में जानलेवा हमले में मुकदमा पंजीकृत हुआ। हत्या की साजिश व अन्य धाराएं भी लगाई हैं।

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विकास शर्मा पर थाना खैर में हत्या की साजिश में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

करवन पर कब्जे की शिकायत से हुई थी विवाद की शुरुआत

पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ व चेयरमैन संजीव कुमार अग्रवाल के विवाद की शुरुआत करवन नदी पर अवैध कब्जे की शिकायत के बाद हुई थी। बीते दिनों पूर्व विधायक ने शासन स्तर पर एक शिकायती की थी। इसमें आरोप लगाया था कि चेयरमैन समेत अन्य कई लोगों ने करवन नदी की जमीन पर कब्जा करके एक अवैध रास्ता बना दिया है। इसी रास्ते के माध्यम से ही दूसरी ओर प्लाटिंग कर दी गई। करोड़ों की जमीन की बिक्री हो रही है। शिकायत के बाद जांच के आदेश हुए। जांच में शिकायत सही पाई गई। करवन नदी के डेढ़ सौ मीटर हिस्से पर कब्जा व अतिक्रमण है। इस मामले में जमीन को कब्जा मुक्त करने के भी आदेश दिए जा चुके हैं। जल्द ही टीम इस जमीन को कब्जा मुक्त कर देगी। बताते हैं कि चेयरमैन पर जिस जमीन पर कब्जा करने का आरोप है उसके पास में ही वह प्लाटिंग कर रहा है। इससे जमीन के रेट ऊंचाई तक पहुंच गए हैं।

भाजपा से नजदीकी

संजीव कुमार अग्रवाल ने चेयरमैन का चुनाव निर्दलीय जीता था। इसके एक साल बाद इन्होंने खैर में ही एक कार्यक्रम में भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा बड़े नेताओं के साथ संजीव की नजदीकी रही। हालांकि, भाजपा जिलाध्यक्ष चौ. ऋषिपाल सिंह ने संजीव के भाजपा में होने से इन्कार किया है। कहा है कि अपराधी कोई भी हो योगी सरकार में बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस कार्रवाई से खुश, सख्त हो कार्रवाई : प्रमोद गौड़

पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ ने कहा है कि आरोपित अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है। खैर आइटीआइ का भवन तोड़ दिया। करवन नदी पर अतिक्रमण किया। जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की थी। इससे रंजिश मानने लगा। सात अगस्त से कुछ लोग मेरी कार का पीछा करने लगे। 23 अगस्त को अपनी व परिवार के सदस्यों की जान को खतरा बताते हुए एसएसपी से मुलाकात की। साक्ष्य भी सौंपे। एसएसपी ने गंभीरता से लेते हुए एक गनर और दे दिया। एक पहले से था। 27 अगस्त को चेयरमैन समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। एएसपी का आभार।

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए टीम गठित कर जांच कराई गई थी। बुलंदशहर के कुख्यात अपराधियों की गतिविधि खैर में मिली। सीसीटीवी फुटेज व काल डिटेल से बहुत से पुख्ता सुबूत मिले। इसके बाद सभी को गिरफ्तार किया गया।

- कलानिधि नैथानी, एसएसपी


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