Mini Airport : हवाई पट्टी परिसर से बाहर होंगे गेस्ट हाउस व फ्लाइंग क्लब, ये है वजह Aligarh news
डीजीसीए से रिपोर्ट राजकीय निर्माण निगम को भेजी गई है। इसमें गेस्ट हाउस व फ्लाइंग क्लब को बाहर को परिसर से बाहर करने को कहा गया है।
अलीगढ़ [जेएनएन]: धनीपुर हवाई पट्टी परिसर से अब गेस्ट हाउस व फ्लाइंग क्लब बाहर हो जाएंगे। पिछले दिनों डीजीसीए की टीम को निरीक्षण में यहां तमाम खामियां मिली थीं। डीजीसीए से रिपोर्ट राजकीय निर्माण निगम को भेजी गई है। इसमें गेस्ट हाउस व फ्लाइंग क्लब को बाहर को परिसर से बाहर करने को कहा गया है।
डीजीसीए की टीम ने जांच की
केंद्र सरकार उड़ान योजना के तहत धनीपुर हवाई पट्टी समेत प्रदेश की कई हवाई पट्टिïयों को मिनी एयरपोर्ट में तब्दील कर रही है। लखनऊ समेत अन्य प्रमुख शहरों के लिए यहां हवाई यात्रा शुरू होनी है। दो साल पहले यहां निर्माण कार्य की शुरुआत हुई थी। निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को दी गई। अब तक 40 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैैं। 90 फीसद से ज्यादा काम हो गया है। पिछले दिनों आई डीजीसीए की टीम ने यहां तीन दिन तक जांच की।
रनवे के काम जल्द खत्म हों
डीजीसीए ने भेजे आदेश में कहा है कि परिसर से गेस्ट हाउस व फ्लाइंग क्लब को बाहर किया जाए। एटीसी टावर व रनवे के काम को जल्द खत्म किया जाए। राजकीय निर्माण निगम के अधिशासी अभियंता हरिओम ने बताया कि जांच रिपोर्ट आ गई है। इसमें गेस्ट हाउस व फ्लाइंग क्लब को बाहर करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्माण कार्य का रीएस्टीमेट भी तैयार किया जा रहा है।
बड़े घोटाले का पर्दाफाश
धनीपुर हवाई पट्टी पर नागरिक उड्डयन विभाग की टीम ने बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। यहां संचालित एसीएस (एयर चार्टर्ड सर्विसेज) कंपनी ने नियमों को जमींदोज कर दिया है। कंपनी बिना अनुमति ही पार्किंग शुल्क बचाने के फेर में दिल्ली से वायुयान लाकर यहां मेंटीनेंस का काम करती है। जबकि, इस कंपनी महज छात्रों को वायुयान अनुरक्षण प्रशिक्षण (एएमई) देने का ही अधिकार था। इसी लापरवाही के चलते पिछले दिनों यहां एक नौ सीटर वायुयान क्रैश हो गया था। इस मामले में डीजीसीए ने पायलट व सह पायलट को डेढ़ साल के लिए निलंबित भी कर रखा है।
अफसरों ने जांच में सहयोग भी नहीं किया
सिटी मजिस्ट्रेट व प्रभारी अधिकारी हवाई पट्टी विनीत कुमार सिंह का कहना है कि टीम ने दो दिन तक यहां जांच पड़ताल की है। इसमें एसीएस फ्लाइंग क्लब के संचालन में अनियमिताएं मिली हैं। क्लब के अफसरों ने जांच में सहयोग भी नहीं किया है। अब कुछ कागजात मांगे जा रहे हैं। इसके बाद कार्रवाई पर मुहर शासन स्तर से ही लगेगी।