लाखों बह गए,फिर भी नहीं मिला पानी, जानिए सच Aligarh News
सरकारी धनराशि का दुप्रयोग कैसे होता है अगर यह देखना है तो एक बार स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में जरूर आइएगा। यहां आठ साल पहले ट्यूबवेल व पाइपलाइन बनाई गई थी।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सरकारी धनराशि का दुप्रयोग कैसे होता है, अगर यह देखना है तो एक बार स्टेट बैंक के पीछे पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में जरूर आइएगा। यहां आठ साल पहले ट्यूबवेल व पाइपलाइन बनाई गई थी। 50 लाख से ज्यादा धनराशि इस काम पर खर्च हुई, लेकिन अब तक यह ट्यूबवेल शुरू नहीं हो पाया है। लोग जब मांग करते हैं तो फिर नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अफसर एक दूसरे पर पल्ला झाड़ कर मामला खत्म कर देते हैं।
यह है मामला
घंटाघर के निकट स्टेट बैंक के पीछे एक पीडब्ल्यूडी कॉलोनी हैं। यहां सौ से अधिक आवास बने हुए हैं। इनमें राज्य कर्मचारी रहते हैं। यहां शुरुआत से ही दूसरी कॉलोनियों से पानी सप्लाई होता आया है। ऐसे में डेढ़ दशक से ज्यादा समय से यहां के लोग ट्यूबवेल व पाइपलाइन बिछाने की मांग कर रहे थे। आठ साल पहले नगर निगम की ओर से यहां ट्यूबवेल व पाइपलाइन का काम करा दिया। 50 लाख से ज्यादा धनराशि खर्च हुई। दो तीन दिन तक शुरुआत में पानी भी सप्लाई हुआ, लेकिन इसके बाद फिर ट्यूबवेल के संचालन के लिए बिजली के कनेक्शन की जरूरत पड़ी। इस पर नगर निगम पीछे हट गया। पीडब्लयूडी से मांग की गई तो उन्होंने नगर निगम का ट्यूबवेल बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। तभी यह स्थिति चली आ रही है। स्थानीय लोग नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के दर्जनों चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है। अब ट्यूबवेल पर चारों तरफ से घास व झाडिय़ा उग आई हैं। वहीं स्थानीय लोगों को घंटाघर के निकट शास्त्री कॉलोनी से पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे आपूर्ति में गति काफी धीमी रहती है।
आठ साल पहले लगा था ट्यूबवेल
कर्मचारी नेता पीयूष साराभाई का कहना है कि कर्मचारियों की इस कॉलोनी में पिछले आठ साल पहले ट्यूबवेल लगा था, लेकिन अब तक इसका संचालन शुरू नहीं हुआ है। दूसरी कॉलोनी से यहां के लोगों की पानी मिलता है।
धनराशि का दुप्रयोग नहीं होगा
जलकल के महाप्रबंधक सुचिंद्र शर्मा का कहना है कि इस ट्यूबवेल के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। अगर ऐसा कुछ है तो इसकी जानकारी कराई जाएगी। नगर निगम की धनराशि का दुप्रयोग नहीं होने देंगे।