पीतल मूर्ति निर्माताओं का बाजारों में डूबा करोड़ों रुपया, कुछ का डूबने की कगार पर Aligarh news
मथुरा केलादेवी नगर कोट सहित अन्य बाजारों में भी पीतल की यह मूर्ति सप्लाई की जाती हैं। बाजार में ऑर्डर नहीं हैं। उधारी में भी निर्माताओं का पैसा फंसा हुआ है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट के चलते पीतल मूर्ति के मैन्युफैक्चर्स का देशी बाजारों में करोड़ रुपया डूब गया है या फिर कुछ निर्माताओं का डूबने की कगार पर है। पिछले छह माह से तीर्थधाम, दर्शनार्थ पर्यटन बंद हैं। इस दौरान मंदिरों में दर्शन की अनुमति नहीं है। देश में यातायात व्यवस्थाओं पर भी पाबंदी है। अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं हो रही हैं। इसके चलते केदारनाथ से लेकर वैष्णों देवी के लिए श्रीनगर कटरा तक पीतल की मूर्तियां व घंटे सप्लाई होते हैं। मथुरा, केलादेवी नगर कोट सहित अन्य बाजारों में भी पीतल की यह मूर्ति सप्लाई की जाती हैं। बाजार में ऑर्डर नहीं हैं। उधारी में भी निर्माताओं का पैसा फंसा हुआ है। इसे लेकर अलीगढ़ ब्रास स्टेश्यु एंड आर्टवेयर मैन्युफैक्चर्स एंड सप्लायर्स एसोसिएशन की सासनीगेट स्थित एक फार्म हाउस में चुनिंदा पदाधिकारियों की बैठक में अध्यक्ष विपिन विहारी गुप्ता व महामंत्री हनुमंतराम गांधी ने उधारी पर जब चर्चा शुरु की तो सामने आया कि अलीगढ़ के निर्माताओं का बाजार में करोड़ों रुपया डूब गया है। और कुछ का रुपया डूबने की कगार पर है। इन्होंने बताया कि पीतल मूर्ति का फुटकर कारोबारी पलायन भी कर गया है। उनसे पैसा वापस आना बड़ी चुनौती होगी। उधारी चुकता न करने वाले फुटकर दुकानदारों की सूची तैयार की जा रही है। निर्माताओं के एजेंट टूर से खाली हाथ वापस आ रहे हैं । न उनके पास ऑर्डर हैंए ना उधारी पैसा की वसूली।
कोषाध्यक्ष कपिल वाष्र्णेय ने इंडस्ट्री में प्रयोग होने वाली ऑक्सीजन गैस की कालाबाजारी पर चिंता व्यक्त की। प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान न देने पर कुछ व्यापारियों ने तो मिली भगत तक का आरोप लगाया। 350 रुपया का सिलिंडर 800 रुपया तक धड़ल्ले से बिक्री करने पर प्रशासन की निष्क्रियता पर हैरानी व्यक्त की। इस मौके पर धर्मेंद्र अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, विनीत प्रकाश गुप्ता, विष्णु अग्रवाल, राहुल गुप्ता, मोहित गुप्ता, मोहम्मद कमरुद्दीन, केदारी लाल, मोहित राठी, राजेश शर्मा, अनिल कुमार, अशोक कुमार, यतेंद्र कुमार, दिनेश यादव आदि मौजूद रहे।