चिडिय़ा रानी आ भी जाओ, बच्चों का तुम मन बहलाओ Aligarh news
दैनिक जागरण की मुहिम ओ री चिरैयाÓ लाने लगी है रंग। पक्षियों के प्रति हो रहे संवेदनशील। चिडिय़ों को बैठने के लिए बना रहे घोंसला।
अलीगढ़, [जेएनएन] । बचपन में घर-आंगन में चिडिय़ों को देखकर बच्चों का मन खुश हो जाया करता था। वह उन्हें पकडऩे के लिए दौड़ पड़ते थे। गौरैया के संग तो उनका खेलकूद शुरू हो जाता था। मगर, अब चिडिय़ा गायब हैं। बच्चों को यह किताबों में या फिर मोबाइल में दिखाई देती हैं। इसी के चलते धीरे-धीरे पक्षी पर्यावरण से दूर होते चले गए। कभी सुबह और शाम को झुंड में दिखाई देने वाले यह पक्षी अब यदाकदा ही दिखते हैं। दैनिक जागरण ने इसे देखते हुए ओ री चिरैया अभियान की शुरुआत की है, जिससे पक्षियों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जा सके। दैनिक जागरण की मुहिम 'ओ री चिरैया' से जुड़कर लोग पक्षियों के प्रति संवेदनशील हो रहे हैं।
पक्षियों के प्रति हों संवेदनशील
बुधवार को भी शहर के तमाम क्षेत्रों में चिडिय़ों के लिए दाना-पानी रखा। साथ ही संकल्प लिया कि पूरी गर्मी हम इनकी देखरेख करेंगे। सासनीगेट निवासी दीपक सैनी ने कहा कि आज से 30 साल पहले पेड़ों पर पक्षियों के झुंड दिखाई दे जाते थे। मगर, अब वह देखने को नहीं मिलते हैं। दीपक ने कहा कि यह सब हमारी गल्तियों का परिणाम है। हमें पक्षियों के प्रति संवेदनशील होना पड़ेगा। वहीं, सराय बराई में वैष्णवी वर्मा और आर्यन ने चिडिय़ों को बैठने के लिए घोंसला बनाया। मेद्धांत गुप्ता ने घोंसले में दाना-पानी रखा। पूर्वाजा गुप्ता ने और सुभांष वाष्र्णेय ने भी चिडिय़ों के लिए पानी और उनके भोजन की व्यवस्था की। जिस प्रकार से बच्चों के अंदर चिडिय़ों को लेकर उत्सुकता दिख रही है, उससे साफ पता चलता है कि यह पीढ़ी आगे तक चिडिय़ों की ङ्क्षचता करेगी। ओ री चिरैया अभियान से जुडऩे के साथ ही लोग जलसंरक्षण के प्रति भी गंभीर हो रहे हैं। चिडिय़ों के लिए घरों की छतों पर पात्र रख दाना-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। बच्चें उनके लिए अलग-अलग तरीके के घोंसले बना रहे हैं।