अलीगढ़ में मैरिज होम, बैंक्वेट होम की पार्किंग सड़क पर, ट्रैफिक का बैैंड बजा रहे बरातघर Aligarh news
शहर में जमकर हुए अवैध निर्माण और इसमें पार्किंग की अनदेखी से ट्रैफिक जाम का स्थाई भाव हो गया है। बरातघर तो बेलगाम हो चुके हैं।
अलीगढ़, जेएनएन: रामघाट रोड पर ट्रैफिक में फंसे पवन कुमार झल्ला रहे हैैं। उनको हाथरस जाना है लेकिन ट्रैफिक जाम में 15 मिनट से फंसे हैैं। जाम की वजह क्या है, यह पता किया तो पता चला कि सड़क पर बरातघर की पार्किंग सड़क पर बनी है। बराती बैैंडबाजों के सामने बाकी बचे हुए हिस्से में डांस कर रहे हैैं। इस बीच एक एंबुलेंस भी पीछे से आ गई है लेकिन निकलने के लिए रास्ता नहीं है। आखिर यह हालात एक दिन के नहीं है। शहर में जमकर हुए अवैध निर्माण और इसमें पार्किंग की अनदेखी से ट्रैफिक जाम का स्थाई भाव हो गया है। 'बरातघर' तो बेलगाम हो चुके हैं। शहर के मुख्य रोड पर बने बरातघरों में ज्यादातर में पार्किंग के इंतजाम नहीं हैैं। बरातियों के वाहन सड़क पर खड़े हो जाते हैैं और ट्रैफिक जाम लग जाता है। अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के प्रभारी सचिव डीएस भदौरिया का कहना है कि बिना पार्किंग वाले 60 मैरिज होम संचालकों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई
शहर में करीब 400 बरात घर हैं, इनमें 30 बड़े हैं। 90 फीसद ऐसे हैं, जिनमें पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। 10 फीसद ही इस मानक को पूरा कर रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर संचालित उन 90 फीसद भवनों के खिलाफ प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा। शहर के मैरिस रोड, रामघाट रोड, जीटी रोड, आगरा रोड जाम प्वॉइंट बन चुके हैं। हर बार अधिकारी कहते हैं कि ऐसे भवनों को चिह्नित किया जा रहा है। नोटिस देने के दावे भी किए जाते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं। प्रशासनिक लापरवाही के चलते आधा शहर जाम से जूझ रहा है, आमजन परेशान हैं।
सड़क पर स्वागत द्वार
बरातियों के स्वागत के लिए मैरिज होम के बाहर सड़क पर स्वागत द्वार भी बनाए जाते हैं, इससे वहां रोड काफी संकरा हो जाता है। बरातियों के वाहन और खड़े हो जाएं तो सड़क तक ब्लॉक हो जाती है। इससे राहगीरों को काफी असुविधा होती है।
घूस की परंपरा बड़ी वजह
अलीगढ़ विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है कि नक्शा पास होने के दौरान देखे कि मैरिज होम, होटलों में पार्किंग की व्यवस्था है या नहीं। पूरी जांच कर नक्शा पास किया जाए। भवन बनने के बाद भी भौतिक सत्यापन हो। सवाल है कि आखिर इन भवनों के नक्शे बिना पार्किंग के कैसे पास हो गए? घूसखोरी को इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा है। यही कारण है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर निर्माण के वक्त ही गंभीरता दिखाई जाती तो शायद यह समस्या नहीं आती।
नोटिस देकर खानापूरी
प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ नोटिस और चेतावनी देने तक सीमित रह गई है। विकास प्राधिकरण ने भी इन्हें बिना पार्किंग के भवन निर्माण की अनुमति दे दी, जबकि कोई भी कॉमर्शियल भवन बिना पार्किंग के नहीं बन सकता।
कुछ का तो रसूख भी खूब
पहले प्राधिकरण ने घूसखोरी में कुछ बरातघर अवैध बनवा दिए। फिर कुछ मैरिज होम संचालकों का रसूख इतना रहा कि उनके प्रभाव के आगे अफसर इधर-उधर देखना ही बेहतर समझते रहे। इसी कारण दो महीने पहले दो दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस भी जारी किए, लेकिन इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ये हैं नियम
- प्रत्येक मैरिज होम का नक्शा स्वीकृत होना चाहिए।
- मैरिज होम में निकास के दो स्थान आगे व पीछे होने चाहिए।
- मैरिज होम के बाहर निजी भूमि पर 24 मीटर की पार्किंग।
- मैरिज हॉल के सामने कम से कम 24 मीटर का सार्वजनिक रास्ता।
- मैरिज हॉल का कुल क्षेत्रफल कम से कम 1500 वर्गमीटर का हो।
- 1500 वर्गमीटर में 30 फीसद पर निर्माण और बाकी स्थान खुला।
लोगों की जुबानी
शहर के कारोबारी किरन प्रताप सिंह का कहना है कि शहर में जाम की समस्या सबसे प्रमुख है। शादी कार्यक्रम होने पर यह स्थिति ज्यादा ही गंभीर हो जाती है। गेस्ट हाउस के सामने लोग वाहन खड़ा कर देते हैं। इससे जाम लग जाता है। वहीं एक युवा आशीष वाष्र्णेय का कहना है कि पार्किंग शहर की सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में प्रशासन को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। हर बाजार, सड़क पर वाहन खड़े दिखाई देते हैं। राह चलना मुश्किल होता है। साथ ही बैंक कर्मी सोनिया शर्मा ने कहा कि जाम के कारण घर से बाहर निकलने का मन नहीं करता है। शादी-समारोह के दौरान यह दिक्कत और भी बढ़ जाती है। प्रशासन को इसमें सख्त कार्रवाई करनी होगी।