नए लक्ष्य से असमंस में मक्का खरीद केंद्र के अधिकारी Aligarh News
अलीगढ़ मंडल में मक्का खरीद का लक्ष्य पूरा कर चुके सरकारी खरीद केंद्र नए लक्ष्य से असमंजस में हैं। खरीद लक्ष्य 17200 मीट्रिक टन था जो बढ़कर 20200 मीट्रिक टन हो चुका है। जबकि 15 जनवरी को खरीद बन्द हो चुकी है।
अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ मंडल में मक्का खरीद का लक्ष्य पूरा कर चुके सरकारी खरीद केंद्र नए लक्ष्य से असमंजस में हैं। खरीद लक्ष्य 17200 मीट्रिक टन था, जो बढ़कर 20200 मीट्रिक टन हो चुका है। जबकि, 15 जनवरी को खरीद बन्द हो चुकी है। कुल 17,857 मीट्रिक टन मक्का की खरीद हुई है। मक्का खरीद बंद होने से नया लक्ष्य भेद पाना मुमकिन नहीं है। इसके लिए संभागीय खाद्य नियंत्रक ने खरीद आगे बढ़ाने के लिए शासन को पत्र लिखा है। वहीं, अलीगढ़ जनपद में 5077 मीट्रिक टन मक्का की खरीद हो चुकी है। नया लक्ष्य 5500 मीट्रिक टन है।
यह है मौजूदा हालात
प्रदेश के 23 जिलों में मक्का की खरीद शुरू हुई थी। यहां कोरोना संकट से उबरे किसान खरीद केंद्र खुलने का इंतजार करते रहे। केंद्र भी तब खुले, जब ज्यादातर किसान सस्ती दरों में मक्का बेच चुके थे। जिन किसानों पर मक्का बचा था, वे 1850 रुपये प्रति कुंतल समर्थन मूल्य का लाभ ले सके। जनपद में मक्का की स्थिति पर नजर डालें तो 10 हजार हेक्टेयर रकबा है। मक्का की कीमतें 1800-2000 रुपये प्रति कुंतल के आसपास ही रहीं हैं। पोल्ट्री फार्म, कंपनियां किसानों से फसल खरीद लेते थे। लेकिन कोरोना संकट के चलते पॉल्ट्री फार्म बंद हो गए, कंपनियों ने भी किसानों से दूरी बढ़ा ली। अनलाॅक में किसान मक्का बेचने निकले तो उचित कीमत व सुरक्षित बाजार के अभाव में कम कीमत में उपज बेचना उनकी मजबूरी बन गई।
मंडियों में व्यापारियों ने मौके का खूब फायदा उठाया
1100 रुपये प्रति कुंतल की दर से मक्का बेची गई। मंडियों में व्यापारियों ने मौके का खूब फायदा उठाया। प्रशासनिक पहल पर 31 अक्टूबर से खरीद केंद्र खुले। खरीद की अंतिम तिथि 15 जनवरी घोषित थी। निर्धारित तिथि से कुछ दिन पहले ही जनपद में खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 5500 मीट्रिक टन कर दिया। जबकि पूर्व में तय किये 4500 मीट्रिक टन के लक्ष्य को सरकारी केंद्र पहले ही पार कर चुके थे। एटा, कासगंज की भी यही स्थिति रही। अब नए लक्ष्य को पूरा करने के लिए खरीद भी होनी चाहिए। इसके लिए सम्भागीय खाद्य नियंत्रक अशोक पाल ने खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा है।