ऐसे दर्द दे रही रसोई गैस : दूसरे खातों में जा रही सब्सिडी
रसोई गैस उपभोक्ता (एलपीजी) इन दिनों बैंक व गैस एजेंसी संचालकों के चक्कर काट रहे हैं। दरअसल, उनकी सब्सिडी दूसरे उपभोक्ताओं के खाते में जा रही है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। रसोई गैस उपभोक्ता (एलपीजी) इन दिनों बैंक व गैस एजेंसी संचालकों के चक्कर काट रहे हैं। दरअसल, उनकी सब्सिडी दूसरे उपभोक्ताओं के खाते में जा रही है। कोई सुनने को तैयार नहीं। कम पढ़े लिखे उपभोक्ताओं की समझ में ही नहीं आ रहा, आखिर वह करें क्या?
यह है समस्या
रसोई गैस का सब्सिडी वाला सिलेंडर 885 रुपये का आ रहा है, जिसमें 397 रुपये की सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में जमा की जाती है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने सब्सिडी की व्यवस्था नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइ) को दी है।
उपभोक्ता हो रहे परेशान
सब्सिडी न आने से परेशान उपभोक्ताओं को एजेंसी कर्मी बैंक अफसर पर व बैंक अफसर एजेंसी संचालकों के पास भेज रहे हैं। जबकि उपभोक्ता संशोधन वाला फार्म एनपीसीआइ भर चुके हैं। एलपीजी आइडी, केवाईसी भी करा चुके हैं। गैस एजेंसी प्रबंधन से जुड़े आलोक शर्मा का कहना है जब तक बैंक कर्मी एनपीसीआइ से केवाईसी को अटैच नहीं करेंगे, तब तक बैंक उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी नहीं जा सकती। गलत खाते में जाने की तकनीकी खामी भी दूसरे के आधार को एनपीसीआइ से लिंक करना होता है।
हॉकर को उपभोक्ता दे रहे हैं धमकी
एजेंसी के हॉकर विमल कुमार का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं की सब्सिडी नहीं मिली है, वह उन्हें तरह- तरह की धमकी देते हैं। मैं खुद उनके संशोधन के लिए दस्तावेज लेकर आता हूं । भुजपुरा, शाहजमाल, नींवरी मोड़ आदि क्षेत्र से एक दिन में पांच से आठ सब्सिडी न मिलने के मामले आ रहे हैं।
छह माह से नहीं आ रही सब्सिडी
उपभोक्ता मोहम्मद सगीर का कहना है कि पहले सब्सिडी मिल रही थी। पिछले छह माह से अब नहीं मिल रही। बैंक व एजेंसी संचालकों के चक्कर लगाते परेशान हूं । रामअवतार बताते हैं कि मेरा बैंक खाता सिंडिकेट बैंक की बारहद्वारी शाखा में है। दो बार आधार लिंक करा कर आया हूं । फिर भी सब्सिडी नहीं आई। उपभोक्ता सतीश चंद्र ने बताया कि 30 साल पुराना गैस उपभोक्ता हूं । रेलवे रोड शाखा में दो माह से सब्सिडी नहीं मिली। बैंक में तीन बार बायोमीट्रिक की औपचारिकता कर चुका हूं । समस्या बरकरार है।