असहायों के 'सारथी' बने अलीगढ़ के लोकेश, दिला रहे उनके हक Aligarh news
शहर के मान सरोवर कॉलोनी में रहने वाले लोकेश असहायों के सारथीÓ बने हुए हैं।
अलीगढ़ [जेएनएन] शहर के मान सरोवर कॉलोनी में रहने वाले लोकेश असहायों के 'सारथीÓ बने हुए हैं। शोषण के विरुद्ध दमदारी से अपनी बात को व्यवस्था तक पहुंचाने के लिए सामाजिक सरोकार के साथ-साथ गरीबों को उनके अधिकार दिलाना ही उनकी पहचान बन गई है। वह पिछले कई सालों से गरीबों की मदद कर रहे हैं। तमाम लोगों को राशन कार्ड, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना व पेंशन का लाभ दिला चुके हैं। रोटी बैंक से जुड़कर गरीब-भूखों का पेट भर रहे हैं। हर व्यक्ति की मदद के लिए यह सदैव तत्पर रहते हैं।
बचपन से थी रुचि
लोकेश कुमार वाष्र्णेय (40) एमकॉम किए हुए हैं। फिलहाल यह प्राइवेट कंपनियों के बिजनेस के खाते तैयार करते हैं। वैसे तो बचपन से ही इनकी रुचि समाज सेवा में थी, लेकिन पारिवारिक व्यस्तता के चलते यह कम समय ही दे पाते थे। 2014 के बाद से इन्होंने खुद को समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया। गरीबों को उनका हक दिलाना इनकी प्राथमिकता बन गया। कई बार तो यह अपना काम छोड़कर भी गरीबों की सेवा में लग जाते हैं।
इन्हें दिलाए अधिकार
अब तक 15 से अधिक निर्धन कन्याओं की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ दिला चुके हैं। 20 से अधिक लोगों की पेंशन बनवाई है। दो दर्जन के करीब लोगों के राशन कार्ड बनवाए हैं। हर महीने पांच गरीब परिवारों के यहां राशन पहुंचाते हैं। गूलर रोड निवासी एक कैंसर पीडि़त मुखिया के परिवार की भी मदद करते हैं। रोटी बैंक ग्रुप से जुड़े हैं, हर रविवार को 250 से अधिक लोगों को खाना बांटते हैं। दो गरीब बच्चों को अपने निजी प्रयासों से दाखिला भी दिला चुके हैं।
अफसरों तक मुफ्त में करते हैं पैरवी
लोकेश वाष्र्णेय का कहना है कि ईश्वर ने इतना सक्षम बनाया है कि अपनी रोजी -रोटी चलाने के साथ ही दूसरों की मदद कर सकूं तो उसमें कंजूसी क्यों करूं। इसी सोच के साथ किसी-किसी को अपने स्कूटर पर बैठाकर ले जाता हूं, आर्थिक मदद भी करता हूं। इससे दोहरा लाभ मिलता है, एक तरफ लोगों को उनकी अभिव्यक्ति का अधिकार मिलता है, दूसरी तरफ सरकारी योजनाओं की जानकारी के बारे में भी इजाफा होता है।