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जिंदगी को रफ्तार दे रहा Lockdown, विशेषज्ञ बोले कोरोना की चेन तोड़ने के लिए है जरूरी Aligarh News

कोरोन का कहना बढ़ता जा रहा है। अलीगढ़ में हर रोज सैंकड़ोंं की संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। लगातार मौतें हो रही हैं। संक्रमण रोकने के लिए कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करना तो जरूरी है ही साथ ही वायरस की चेन तोड़ना भी जरूरी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 06:53 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:53 AM (IST)
जिंदगी को रफ्तार दे रहा Lockdown, विशेषज्ञ बोले कोरोना की चेन तोड़ने के लिए है जरूरी  Aligarh News
कोरोना की चेन तोड़ने का यही एकमात्र प्रभावी रास्ता है।

 अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। अलीगढ़ में हर रोज सैंकड़ोंं की संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। लगातार मौतें हो रही हैं। संक्रमण रोकने के लिए कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन करना तो जरूरी है ही, साथ ही वायरस की चेन तोड़ना भी जरूरी है। काबू होते करोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने पहले दो दिन का दिन और फिर तीन का आंशिक लाकडाउन लगाया। इसमें फिर बढ़ोतरी कर दी गई है।  कुछ लोग निर्णय को गलत बता रहे हों, लेकिन  व्यापारी और चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ इसे प्रभावी उपाय बता रहे हैं। कोरोना की चेन तोड़ने का यही एकमात्र प्रभावी रास्ता है। 

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 नकारात्मक न तो बोलना है और न सुनना चाहिए

जिला अस्पताल अलीगढ़ की  साइकोथेरोपिस्ट डा. अंशु सोम का कहना है कि दौड़ती-भागती जिंदगी पर फिर से लाकडाउन का ब्रेक लग गया है। चिंता, डर, अकेलापन और अनिश्चतता के माहौल में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। इस तनाव को रीडिंग, राइटिंग, गेम, डांसिंग, सिंगिंग, पेंटिंग, कुकिंग आदि कार्य जो भी आपको रुचिकर लगे, करके दूर कर सकते हैं। घर पर ही वाकिंग करनी चाहिए। योग और डांस से एंडोरफिन हार्मोन निकलता है, जो आपको प्रसन्नता का एहसास दिलाता है। यह समय दंपत्तियों, माता-पिता और बच्चों के बीच आपसी रिश्तों को बेहतर करने का भी वक्त है। मोबाइल को बंद करके आपस में ज्यादा से ज्यादा बातचीत करें। परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। बच्चों के मनोभाव को गंभीरता से समझें। खुद को थोड़ा बदलें और बच्चों को उड़ान भरने दें। बच्चों के सामने कोरोना की ज्यादा बात न करें, इससे उनके मन में डर पैदा होता है। लाकडाउन के दौरान टीवी पर कोरोना से जुड़ी ऐसी खबरें जो विचलित करें और आपको परेशान करें, उन्हें देखने से बचें। अन्य मनोरंजन व रुचिकर कार्य देखने में कोई बुराई नहीं। लाकडाउन के दौरान सकारात्मक रहना है। नकारात्मक न तो बोलना है और न सुनना चाहिए।

-डा. अंशु सोम, साइकोथेरोपिस्ट, जिला अस्पताल अलीगढ़ 

 

खुद लाकडाउन लागू कर बंद कर दिए शोरूम 

अप्रैल की शुरूआत में ही अलीगढ़ के व्यापारियों ने लाकडाउन की मांग शुरू कर दी थी। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तर प्रदेश , संयुक्त व्यापारी संघर्ष समिति, सामाजिक संस्था हेल्पिंग हेंड सोसायटी , अलीगढ़ सर्राफा कमेटी की ओर से 15 दिन के लाकडाउन की मांग की गई थी। इस बीच एक अप्रैल से 11 अप्रैल तक

कुछ मिठाई विक्रेताओं ने स्वयं ही लाकडाउन घोषित कर शोरूम बंद रखे। इनमें दुबे का पड़ाव व मामू भांजा स्थिति राजेंद्र कुमार ख्याली राम के मिठाई के दो शोरूम, रामघाट रोड, सर्राफा बाजार, सेंटर प्वाइंट स्थित कुंजी लाल के तीन शोरूम और सेंटर प्वाइंट स्थित विकास स्वीट सेंटर शामिल हैं। 

नूठी पहल 

अलीगढ़ का महावीर गंज दाल, आटा, सूजी, चीनी, मैदा सहित खाद्य तेल की थोक मंडी हैैै। यहांं केे व्यापारी बिना मास्क लगाकर आने वाले ग्राहकों को सामान नहीं दे रहे। यह निर्णय अप्रैल के अंतिम सप्ताह में लिया था, जो अभी जारी है। 

 एक अप्रैल से अब तक नजर 

जिले,        अब तक कुल रोगी,     मृत्यु,      स्वस्थ्य  

अलीगढ़        5204                   200         3000

हाथरस        750                     06             383

कोरोना महामारी के चलते सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है। यह अनुभव काफी बुरा रहा है। बीते एक वर्ष में कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपनों को खोया है। परिवार की रोजी-रोटी चलाने वाले व्यक्ति चले गए।  अधिवक्ताओं के संक्रमित होने पर एक बार तो न्यायालय का कार्य प्रभावित हो गया था।

-अशोक शर्मा एडवोकेट, सिकंदराराऊ, हाथरस 

 यह वक्त काफी बुरा है। हमारे कई साथी दिल्ली एनसीआर में काम करते थे। लेकिन कोरोना एवं लाकडाउन के कारण उनकी कंपनियों द्वारा छंटनी कर दी गईं, जिससे उनका रोजगार चला गया । 

आलोक कुमार सोनी,  सिकंदराराऊ, हाथरस


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