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coronavirus Lockdown 4 News: मैंने पापा को विश्वास करके छेरत quarantine center भेजा था, धोखाधड़ी हो गई Aligarh News

मानिक चौक के स्क्रैप कारोबारी हमारेेे बीच नहीं रहे। उनकी यादें ही शेष हैं। कोरोना ने उनकी जान ले ली। परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 03:21 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 03:21 PM (IST)
coronavirus Lockdown 4 News: मैंने पापा को विश्वास करके छेरत quarantine center भेजा था, धोखाधड़ी हो गई Aligarh News
coronavirus Lockdown 4 News: मैंने पापा को विश्वास करके छेरत quarantine center भेजा था, धोखाधड़ी हो गई Aligarh News

अलीगढ़[जेएनएन]: मानिक चौक के स्क्रैप कारोबारी हमारेेे बीच नहीं रहे। उनकी यादें ही शेष हैं। कोरोना ने उनकी जान ले ली। परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। उन्हें मलाल इस बात का है कि जिस उम्मीद से उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ भेजा था, उसको तार-तार कर दिया। बेटे का कहना है हमारे साथ धोखा हुआ है। कोरोना से तो पापा लड़ लेते लेकिन सरकारी लापरवाही से नहीं लड़ सके। पापा ने कहा भी था यहां से मुझे ले जाओ, तबियत खराब हो रही है। सीएमओ से भी मैंने गुहार लगाई, पर कुछ नहींं हुआ। कारोबारी के बेटा और सीएमओ के बीच हुई बातचीत का ऑडियो भी वायरल हो रहा है।

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किसी ने नहीं ली सुध

स्क्रैप कारोबारी ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज थे। 17 मई की रात 9:30 बजे उनकी तबियत खराब हुई। वह कमजोरी महसूस कर रहे थे। कोरोना के भय को देखते हुए बेटे ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी। स्वास्थ विभाग की टीम उन्हें एंबुलेंस से छेरत क्वारंटाइन सेंटर ले गई। जहां उन्हें जमीन में पड़े गददे पर लिटा दिया। उनकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर में कारोबारी गददे पर लेटे नजर आ रहे हैं। पास में एक थैला, चप्पल और एक पानी की बोतल दिख रही है। बाप की सेहत के लिए ङ्क्षचतित बेटा रात से लेकर सुबह तक कई बार फोन कर हाल लेता रहा। कारोबारी वहां किस तरह तड़पे इससे जुड़ा ऑडियो भी वायरल हो रहा है।  

बेटे की तड़प

बेटा : पापा कोई आयो, तुम्हें देखने कूं।

कारोबारी : कोई नाएं आयो। बैचेनी बहुत हो रही है। सांस लेने में खरास सी आ रही है। बहुत ज्यादा दिक्कत है रही है, मोए यहां पर।

बेटा : मैं आ रहा हूं। आपकूं लेने आ रहा हूं। टेंशन मत लो।

कारोबारी : हां यहां से कहीं और...।

कारोबारी की बैचेनी

बेटा : सो रहे हो पापा।

कारोबारी : कराहते हुए हां..।

बेटा : सो जाओ

कारोबारी : कुछ खाने पीने कूं दे जाओ। मैं लेेट रहौ हूं। भूख लग रही है।

बेटा : घबराहट भरी आवाज में ला रहा हूं। ला रहा हूं..। आप टेंशन मत लो

सीएमओ और कारोबारी के बेटा की बातचीत

बेटा : सर पापा को अंडर क्वारंटाइन करने के लिए कल छेरत भेजा था।

सीएमओ : हां मालूम है। कारोबारी का नाम बताते हुए।

बेटा : सर, एक प्रॉब्लम हो रही है कि पापा को शुगर और ब्लड प्रेशर की दवा सुबह पांच बजे योगा करने के बाद छह बजे लेने की आदत है। रेग्यूलर लेतेे हैं।

सीएमओ : हां

बेटा : कल आपके जो डॉक्टर फरहान आए थे, उनको भी बताया था। उन्होंने कहा था कि टेंशन लेने की बात नहीं हैं। हम वहीं प्रोवाइड  कराएंगे दवाई। मैंने भी कहा चलो ठीक है वेल एंड गुंड है। मेरी अभी पापा से बात हुई है। उनके पास पानी की बोतल के अलावा ट्रीटमेंट देने वाला कोई नहीं हैं। न कुछ खाने को दिया और न चादर ओढऩे को दी। ए टू जेड़ कोई फेसलिटी नहीं हैं।

सीएमओ : अच्छा

बेटा : अगर सर इस तरीके से विहेब होता है तो प्राइवेट ट्रीटमेंट कराएंगे।

सीएमओ : डांट वरी, उनका सैंपल जाने दो फिर हम देखते हैं।

बेटा : सर उनकी सैंपङ्क्षलग कराओ अदरवाइज सर इस तरीके से...

सीएमओ : बीच में बोलते हुए सैंपङ्क्षलग तो सुबह होगी बेटा अभी नहीं।

बेटा :  दुखी मन से सर अगर पिता की डेथ (मौत) हुई तो ...।

सीएमओ : सही बात है बेटा सही बात है।

सीएमओ : अगर वो दवाई लेते थे तो दवाई ले जानी चाहिए थी।

बेटा : सर, इस चीज के लिए मैं फरहान पर केस कर दूंगा कि उन्होंने दवाई क्यों नहीं ले जानी दी। यह जानते हुए कि रविवार है तो इतना बड़ा कदम उठाया क्यों?

सीएमो : डॉंट वरी, हम भिजवा रहे हैं बेटा।

बेटा : सर आप उनको (पिता) दो। क्योंकि उनको भूख लग रही है। सुबह पांच बजे से तड़प रहे हैं, कुछ खाने के लिए ।

सीएमओ : अभी दिखवा रहे हैं बेटा अभी दिखवा रहे हैं। 

एकदम नहीं होता सैंपल

बेटा : हेलो सर, पापा को मैंने  बिस्कुट दे दिया, दवा खिला दी है। पापा कह रहे हैं बेटा यहां आकर तो मेरी तकलीफ बढ़ गई, कम कहां हुई। जो मुझे ट्रीटमेंट चाहिए यहां तो कोई पूछने वाला नहीं हैं। उन्हें इतनी कमजोरी आ गई कि लेटे हुए टॉयलेट निकल गई।

सीएमओ : अभी सैंपल करा देते हैं ङ्क्षचता न करो।

बेटा : मैं यहीं खड़ा हुआ हूं। यही चाह रहा हूं कि सैंपङ्क्षलग करा लो आप।

सीएमओ : एकदम से नहीं होता। हवा से बात...। इन्हीं की नहीं होनी है सबकी होनी है।

बेटा : आप कितने बजे तक होम क्वारंटाइन के लिए भेजोगेे। कोई अंदाजा

सीएमओ की ओर से आवाज कट जाती है।


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