गुजरात में रहकर निस्वार्थ भाव से कानून का पाठ पढ़ा रहे अलीगढ़ के देवांश
संविधान में हर नागरिक को अपने मूलभूत अधिकार व कर्तव्यों को जानने का हक है, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर पाता। कानून की पढ़ाई करने वाले जरूर सभी पहलुओं को छू पाते हैं।
अलीगढ़ (संतोष शर्मा)। संविधान में हर नागरिक को अपने मूलभूत अधिकार व कर्तव्यों को जानने का हक है, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर पाता। कानून की पढ़ाई करने वाले जरूर सभी पहलुओं को छू पाते हैं। अपने अधिकार व कर्तव्यों को हर युवा जान सके इसके लिए अलीगढ़ के बरौला बाईपास के रहने वाले देवांश सारस्वत ने अन्य छात्रों के साथ मिलकर ऑनलाइन कोर्स शुरू किया है। देश के किसी भी कोने में बैठे लोग मुफ्त में ही ये कोर्स कर सकते हैं।
कोर्स समाप्ति के बाद मिलता है सर्टिफिकेट
देवांश गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधी नगर से लॉ (तृतीय वर्ष) कर रहे हैं। उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी अहमदाबाद से लॉ कर रही बनारस की ऋषिका श्रीवास्तव के साथ जून-2018 में 'द लॉ लर्नर्स' के नाम से संगठन बनाया है। इसके माध्यम से यहां मुफ्त लॉ के विषय पढ़ाए जाते हैं। एक-एक सर्टिफिकेट कोर्स है। कोर्स समाप्ति के बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाता है। जून से अब तक 2800 लोग यह कोर्स कर चुके हैं।
नौ विषय में बढ़ाएं ज्ञान
नौ कार्स ऑन लाइन पढ़ाए जा रहे हैं। इनमें फंडामेंटल राइट्स, लीगल प्रोवीजन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ वीमन, कांट्रेक्ट लॉ, ङ्क्षहदू मैरिज एक्ट, स्कूल्स ऑफ जुरिस्प्रूडेंस, प्रिंसिपल ऑफ नेशनल जस्टिस, टोर्ट लॉ (ऐसा अपराध सीआरपीसी, पीपीसी में न आए), नेगोशिएबल इंस्टूमेंट एक्ट और इंडियन पार्टनरशिप एक्ट शामिल हैं। कोर्स करने के लिए ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के साथ पढ़ाई भी ऑन लाइन की जा सकती है। जनवरी से स्कूलों में लेक्चर देने की शुरुआत की जाएगी। प्रोफेसरों के लेक्चर भी वीडियो के जरिये उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
गुजरात सरकार ने सराहा
देवांश के अनुसार 'द लॉ लर्नर्स' की ओर से मार्च-2019 में वडोदरा में लीगल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होंगी। गुजरात सरकार ने इस पहल को सराहते हुए एक लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुजरात के राज्यपाल ओपी कोइली भी तारीफ कर चुके हैं। कोर टीम में बीएचयू के सतीश कुमार, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गांधी नगर के राहुल भी हैं।