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कौड़ियागंज में खल-चुनी के थोक व्यापारी की हत्या कर छह लाख रुपये लूटे aligarh news

कौडिय़ागंज मोड़ पर हुई वारदात कस्बे के ही व्यापारी पर आरोप हिरासत में लिया बेटा और तयेरे भाई के साथ तगादा करके लौट रहे थे।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 02:07 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 06:26 PM (IST)
कौड़ियागंज में खल-चुनी के थोक व्यापारी की हत्या कर छह लाख रुपये लूटे aligarh news
कौड़ियागंज में खल-चुनी के थोक व्यापारी की हत्या कर छह लाख रुपये लूटे aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। कौडिय़ागंज के खल-चुनी व्यापारी राजेश वाष्र्णेय उर्फ बिंटू (40) की रविवार देर शाम गोली मारकर हत्या कर छह लाख रुपये लूट लिए गए। वे अपने बेटे और तयेरे भाई के साथ तकादा कर कार से लौट रहे थे। कस्बे में प्रवेश करते ही काले रंग की कार में सवार करीब सात हमलावरों ने तीन राउंड फायर किए।  दो गोली उनको लगीं। तनाव के चलते कस्बा में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात किया गया है। मृतक के बेटे सौरभ ने कस्बे के ही व्यापारी कमल अग्र्रवाल के अलावा छह-सात अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कमल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

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खल-चुनी की करते थे सप्लाई

राजेश खल-चुनी की आसपास के क्षेत्र में सप्लाई करते थे तथा फुटवियर की भी दुकान है। इनके छोटे बेटे गौरव के मुताबिक दोपहर साढ़े 12 बजे उनके पिता आल्टो कार से तकादा करने विजयगढ़, अकराबाद गए थे। साथ में बड़ा भाई सौरभ और चाचा प्रमोद थे। सौरभ कार चला रहे थे।  पास की सीट पर पिता और पीछे प्रमोद बैठे थे। शाम करीब सात बजे कौडिय़ागंज मोड़ से कस्बे की ओर कार मुड़ी, तभी पीछे से आई काले रंग की अर्टिका कार में सवार छह-सात लोगों ने पिता की कार रुकवा ली। इनमें कुछ नकाबपोश थे।

पहले नाम पूछा, फिर मारी गोली

हमलावरों ने पहले पिता से नाम पूछा, फिर गोलियां दाग दीं। एक गोली गर्दन और दूसरी सिर में लगी। तीसरी गोली सीट में फंस गई। विरोध करने पर भाई और चाचा पर पिस्टल तानकर हमलावर नोटों से भरा बैग और प्रमोद का मोबाइल फोन ले गए। इनके जाने पर सौरभ ने पुलिस को खबर दी और  पिता को मेडिकल कॉलेज ले गए। यहां डॉक्टरों ने बिंटू को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर एसएसपी आकाश कुलहरि, एसपी देहात मणिलाल पाटीदार ने मेडिकल कॉलेज आकर घटना की जानकारी ली। एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि हत्या के पीछे व्यापारिक रंजिश बताई जा रही है। बैग में 2.30 हजार रुपये थे। जिस तरह हमला किया गया, उससे लगता है कि हमलावर हत्या के इरादे से ही आए थे। कस्बे के व्यापारी पर परिजनों ने आरोप लगाया है।

कार के दोनों ओर से व्यापारी पर दागी थीं गोलियां

व्यापारी राजेश वाष्र्णेय की हत्या व लूट की वारदात से कौडिय़ागंज में कोहराम मच गया। हमला हत्या के उद्देश्य से ही किया गया था। इसकी पुष्टि क्राइम सीन देखने के बाद पुलिस ने की है, मृतक के परिजन भी यही दावा कर रहे हैं। हत्या को व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता से जोड़कर कस्बे के ही व्यापारी कमल अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शूटरों ने कार के दोनों ओर से व्यापारी पर गोलियां दागी थीं। ड्राइविंग सीट पर बैठे मृतक के बेटे का निशाना नहीं बनाया। हालांकि एक गोली उसके चेहरे के सामने से होकर कार का शीशा तोड़ते हुए निकली थी। पीछे की सीट पर बैठे व्यापारी के तयेरे भाई प्रमोद से भी शूटरों ने कुछ नहीं कहा। इनका मोबाइल जरूर लूट ले गए।

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस ने मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा दिया है। वहीं, हमलावरों में एक का चेहरा सौरभ ने देख लिया, वह नकाब नहीं पहने था। शूटरों के जाने के बाद सौरभ ने अपने चाचा नरेश को सूचना दी। तब सौरभ, नरेश और प्रमोद व्यापारी को मरणासन्न हालत में मेडिकल लेकर पहुंचे थे। एसपी देहात मणिलाल पाटीदार ने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मौका मुआयना किया। फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए। बताया ये भी जा रहा है कि कार के अलावा तीन अन्य बदमाश दो बाइक पर भी थे। बाइक सवार कौडिय़ागंज की ओर चले गए, जबकि कार सवार मुख्य मार्ग से निकल भागे। पुलिस ने मुख्य मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज लिए हैं। वहीं, आरोपित कमल के मोबाइल की कॉल डिटेल भी निकलवाई गई। जिससे पता चल सके कि घटना से पहले और बाद में वह किसके संपर्क में था।

तनाव के चलते रात में पोस्टमार्टम

व्यापारी की हत्या के बाद तनाव के माहौल को देखते हुए शव का रात में ही पोस्टमार्टम करा दिया। भाजपा नेताओं ने भी पोस्टमार्टम के लिए अधिकारियों पर जोर दिया था। पोस्टमार्टम गृह भी पुलिस बल तैनात रहा। तमाम भाजपाई थी पहुंच गए। वहीं, देर रात आधा दर्जन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।

व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता या जमीनी विवाद

हत्या की वजह परिजन व्यापारिक प्रतिद्वंदिता बता रहे हैं। हालांकि, पुलिस जमीनी विवाद को भी हत्या से जोड़कर देख रही है। जिस कमल को नामजद किया गया है, उसका भी खल-चुनी का व्यापार है और सप्लाई भी। राजेश करीब 20 साल व्यापार कर रहे हैं। पिछले 10 साल में उन्होंने बहुत नाम कराया। परिजनों की माने तो कमल उनसे रंजिश मानता था। राजेश के पास ग्राहक अधिक भी थे, बड़े कारोबारियों से संपर्क थे।

मुखबिरों की ली मदद

सौरभ ने जिस हमलावर का चेहरा देखा था, उसका हुलिया और कदकाठी की जानकारी लेकर पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय कर दिया है। पुलिस काल रंग की उस अर्टिका कार को भी तलाश रही है, जिसमें हमलावर आए थे। इसके लिए जिलेभर में सघन चेकिंग कराई गई। टोल प्लाजा से भी सीसीटीवी कैमरे फुटेज खंगाले गए।

प्रदेश नेतृत्व को कराया अवगत

भाजपा नेताओं ने घटना से प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराया दिया है। लखनऊ से भी स्थानीय अधिकारियों से घटना की जानकारी ली गई।

दो बाद हो चुका है हमला

भाजपा युवा किसान मोर्चा के महानगर अध्यक्ष तनुराग वाष्र्णेय ने बताया कि राजेश उनके बहनोई थे। उन पर दो बाद पहले भी हमला हो चुका है। 2011 में वह तकादा करके वापस लौटे थे, तब रास्ते में हमलावरों ने चाकू मारकर रुपये लूटे। इसके कुछ महीनों बाद भी हमला हुआ था। क्षेत्र में उनकी इज्जत थी, व्यापार में भी काफी नाम कमाया। इसी से कुछ लोग उनके विद्वेष मानने लगे। इन्हीं में एक कमल वाष्र्णेय भी था।

बेसुध हुई पत्ती, कस्बे में आक्रोश

राजेश की मौत की खबर पाकर उनकी पत्नी ललितेश बेसुध हो गईं। दो बेटे सौरभ और गौरव का भी बुरा हाल था। राजेश तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। इनसे छोटे सतेंद्र उर्फ सानू शहर में रहते हैं। जबकि सबसे छोटे नरेश कस्बे में ही राजेश के साथ रहते हैं। नरेश की कस्बे में दुकान है। घटना के बाद कस्बे में दहशत का माहौल बन गया। परिजन और परिचित हंगामा करने लगे। तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल बुला लिया गया। आरोपित कमल को उसी के घर से पुलिस उठा लायी।

गोली लगते ही बेटे की गोद में गिरे राजेश

किसी भी बेटे के वो कितना दुखद क्षण होगा, जब उसी के सामने पिता की हत्या कर दी जाए और वह कुछ न कर सके। ऐसा ही सौरभ के साथ हुआ। जब हमलावरों ने गोलियां दागना शुरू की वह स्तब्ध रह गया। एक गोली राजेश की गर्दन में लगी, दूसरी सिर पर मारी गई थी। गोली लगते ही राजेश बेटे सौरभ की गोद में जा गिरे। प्रत्यक्षदर्शी प्रमोद ने बताया कि हमला इस तरह किया गया कि वह कुछ समझ नहीं पाए। हमलावरों ने कार को घेर लिया था। कुछ पर पिस्टल तो कुछ लंबी नाल वाले तमंचे लिए खड़े थे। खिड़की खुलवा कर राजेश को गोली मारने के बाद हमलावरों ने उन्हें बाहर निकाल और बैग कब्जे में लेकर मोबाइल छीन लिया और भाग निकले। हमलावरों की काले रंग अर्टिका कार के शीशे पर 96 अंक लिखा देखा था।

भाजपा से लंबे समय से था जुड़ाव  

राजेश वाष्र्णेय की हत्या से पूरा कौडिय़ागंज शोक में डूब गया। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात एक बजे तक मेडिकल कॉलेज पर कौडिय़ागंज के करीब तीन सौ लोग थे। राजेश गरीबों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते थे, इसलिए मेडिकल कॉलेज पर हर वर्ग के लोग मौजूद थे। भाजपा महानगर महामंत्री मानव महाजन भी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि कौडिय़ागंज में बचपन से ही राजेश वाष्र्णेय को जानते थे। वो मिलनसार थे। शुरू से ही भाजपा से जुड़े रहे। छर्रा विधायक ठा रवेंद्र पाल सिंह भी हत्या की सूचना पर रात में ही मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि राजेश भाजपा के बूथ अध्यक्ष थे। पूरा परिवार भाजपा से ही जुड़ा हुआ है। मंडल अध्यक्ष वेद पाल ने भी राजेश वाष्र्णेय के स्वभाव की तारीफ की। कौडिय़ागंज में दाऊजी मंदिर के सामने राजेश का मकान है।

पिस्टल के लिए लाइसेंस के थे प्रयास

व्यापारी राजेश वाष्र्णेय काफी समय से जान का खतरा महसूस कर रहे थे। इसके चलते उन्होंने पिस्टल के लिए लाइसेंस को आवेदन कर रखा था। इसमें आ रही दिक्कतों को दूर करने को वे भागदौड़ भी कर रहे थे।

अधिकारियों ने डाला डेरा, पीएसी तैनात

घटना के बाद पूरे कौडिय़ागंज में तनाव है। इसके चलते कस्बे में एसपीआरए सहित कई अधिकारी डेरा डाले हुए हैं। कई थानों की पुलिस के अलावा पीएसी तैनात की गई है। आरोपित कमल के घर भी पुलिस तैनात की गई है।

गोलियों की आवाज के साथ बंद हो गईं दुकानें

कौडिय़ागंज के मोड़ पर गोली चलते ही आसपास की दुकानें बंद हो गईं। कुछ ही पलों में हमलावर हत्या कर भाग चुके थे। गांव के लोगों की भीड़ लग गई। इधर, कस्बे में समय से पहले ही दुकानें बंद कर दी गईं। व्यापारी बिंटू का हाल जानने लोग मेडिकल कॉलेज दौड़ लिए। मौत की खबर के बाद कस्बे का हर व्यक्ति परेशान नजर आया। पुलिस अधिकारियों के अलावा जिले के अनेक व्यापारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। देर रात तक यहां भीड़ रही।


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