जानिए इस सनातनी को जिसने संकल्प लिया है कि पूरे देश के संतों को एकत्रकर सनातन धर्म की अलख जगाने की
बीते दिनों अलीगढ़ में होने वाले धर्म संसद को रोक दिया गया था। अब ये धर्म संसद का आयोजन अप्रैल में होगा। सनातन हिंदू सेवा संस्थान की संस्थापिका डा अन्नपूर्णा भारती ने कहा सनातन धम्र के लोगों को एकजुट कर शक्ति का प्रदर्शन करेंगे।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। हरिद्वार में धर्म संसद के बाद से पूरे देश में हलचल है। तमाम लोग धर्म संसद के विरोध में आ गए हैं, वहीं संत समाज ने ऐलान किया है कि धर्म संसद पूरे देश में होगी और सनातन धर्म की अलख जगाई जाएगी। सनातन हिंदू सेवा संस्थान की संस्थापिका डा. अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि सनातन धर्म के लोगों को एकजुट करके शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। अब समय आ गया है जब हम अपनी ताकत दिखाएं। डा. अन्नपूर्णा ने कहा कि हिंदुओं ने शक्ति होने के बाद भी कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया। किसी पर हमला नहीं किया। किसी देश को पराधीन करने के लिए आक्रमण नहीं किया। जबकि, जितना गौरवशाली इतिहास भारत का का है उतना किसी भी नहीं है, इसके बाद हमने सहिष्णुता का परिचय दिया है।
देशभर के संत होंगे जमा
डा. अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि अलीगढ़ में 22 व 23 जनवरी को होना था। मगर, कोरोना की लहर काफी तेज थी, इसलिए हमें धर्म संसद की तिथि आगे करनी पड़ी। अब धर्म संसद अप्रैल में दो और तीन को होगा। इसमें पूरे देश से संत आएंगे। विद्वानों की लंबी श्रृंखला होगा, जो देश और समाज को नई दिशा देंगे। डा. अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि देश में तेजी से पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही है। नई पीढ़ी उस हवा में तेजी से बहती चली जा रही है, चकाचौंध को ही उन्होंने असली दुनिया मान ली है। भारतीय संस्कृति के प्रति उनका लगाव कम होता जा रहा है, जबकि दुनिया में स्थिति कुछ अलग है। विदेशों में लोग अपनी संस्कृति को छोड़कर भारतीय संस्कृति की ओर आ रहे हैं। वह वेद, पुराणा, रामायण, श्रीमद् भागवत गीता आदि का अध्ययन कर रहे हैं। इतने प्रभावी हैं कि गांवों में आकर रह रहे हैं। भारतीय परिधान पहन रहे हैं। परिवार के साथ पूजा पाठ कर रहे हैं। हवन-पूजन करते हैं। विदेशी गाय पाल रहे हैं, तुलसी माता का पूजन करते हैं। गंगाजल रखकर तुलसी दल बांटते हैं।
उन्नति का रास्ता भारतीय संस्कृति में है
विश्व के लोगों को यह पता चल गया है कि भारतीय संस्कृति में ही उन्नति का रास्ता है। शांति और समृद्धि है। इसलिए वो भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। मगर, हमारी युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रही है। डा. अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि हमें नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में बताना होगा। उन्हें यह समझाना होगा कि सबसे उत्तम संस्कृति हमारी है। इसलिए धर्म संसद के माध्यम से युवा पीढ़ी को समझाने का काम किया जाएगा। गांव-गांव में अलख जगाया जाएगा। धर्म संसद में देशभर के महान संत होंगे। जो नई पीढ़ी को बताने का कार्य करेंगे कि कैसे जीवन जीया जाए। जीवन को कैसे उच्च बनाया जाए। डा. अन्नपूर्णा ने कहा कि जरूर इसका बेहतर परिणाम आएगा।