सुरमयी आवाज के जादूगर थे किशोर कुमार, नीरज के गीतों को भी दी है आवाज Aligarh news
आज भी जब किशोर कुमार की आवाज सुनने को मिलती है तो लोग झूम उठते हैं। चार अगस्त को किशोर की जयंती के अवसर पर उनके चाहने वालों की पुरानी यादें ताजा हो आईं।
अलीगढ़ [जेएनएन]। पाश्र्व गायक किशोर कुमार की आवाज का जादू हर किसी को दीवाना कर देता था। महाकवि गोपालदास नीरज के गीतों को आवाज देकर उन्होंने दर्शकों को मदहोश करने का काम किया। आज भी जब किशोर कुमार की आवाज सुनने को मिलती है तो लोग झूम उठते हैं। चार अगस्त को किशोर की जयंती के अवसर पर उनके चाहने वालों की पुरानी यादें ताजा हो आईं।
गायक अनिल कुमार बताते हैं कि किशोर कुमार की अनूठी गायन शैली के खासकर युवा खूब दीवाने होते थे। गीत के साथ उनका अभिनव भी दर्शकों ने खूब सराहा। फिल्म प्रेम पुजारी में किशोर कुमार ने महाकवि गोपालदास नीरज के गीत को आवाज दी। शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब, उसमें फिर मिलाई जाए थोड़ी सी शराब गीत को जिस मदहोशी में किशोर दा ने गाया है और कोई नहीं गा सकता है। रवींद्र जैन के संगीत निर्देशन में घुंघरू की तरह बजता ही रहूं किशोर दा ने बहुत ही खूबसूरती से गाया है। अनिल वर्मा कहते हैं कि किशोर दा तो अलीगढ़ नहीं आए मगर उनके बड़े बेटे अमित कुमार अलीगढ़ महोत्सव में आ चुके हैं, हूबहू अपने पिता की आवाज में उन्होंने गाने सुनाने शुरू किए तो पूरी नुमाइश झूम उठी थी। किशोर कुमार का जन्म चार अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश में हुआ था।