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गोरई गांव में चारों ओर कीचड़ का फैला है साम्राज्य Aligarh news

वैसे तो ग्राम पंचायत गोरई एक कस्बे की तरह है। आस-पास के दर्जनों गांव के लोग यहां बाजार करने के लिए आते हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 01:30 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 01:30 PM (IST)
गोरई गांव में चारों ओर कीचड़ का फैला है साम्राज्य Aligarh news
गोरई गांव में चारों ओर कीचड़ का फैला है साम्राज्य Aligarh news

अलीगढ़ [जेएनएन] : वैसे तो ग्राम पंचायत गोरई एक कस्बे की तरह है। आस-पास के दर्जनों गांव के लोग यहां बाजार करने के लिए आते हैं। लेकिन आज भी विकास के नाम पर गांव बहुत पिछड़ा हुआ है। यहां घुसते ही गंदगी का साम्राज्य स्वागत करता है। नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैैं। गांव में कुछ ही रास्ते ऐसे हैं जिन्हें पक्का कराया गया है। ज्यादातर रास्तों पर पुराने खरंजे लगे हुए हैं।

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सफाई कर्मचारी भी नहीं आता

रास्तों में नालियां नहीं हैैं, जहां है वहां चोक पड़ी रहती हैैं। सफाई कर्मचारी सफाई करने नहीं आता। रास्तों में गंदा पानी हिलोरे मारता रहता है। गांव के आस-पास तालाब जैसी स्थित बनी हुई है। गंदगी से गांव में बीमारियां फैल रही है। पैंठ मैदान का भी हाल बहुत बुरा है। पैंठ से राजस्व मिलने के बाद भी वहां गंदगी के अंबार लगे हैं। हैंडपंप भी खराब है। गांव का पानी खारा है। लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए पानी की टंकी बनी हुई है। लेकिन पानी की टंकी सिर्फ शोपीस बनकर खड़ी हुई है। कहने को तो गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी है। दवाएं व डाक्टर न होने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। समस्या के संबंध में ग्राम प्रधान से बात करने का प्रयास किया तो उनका फोन नहीं उठा।

इगलास में नाम के लिए बना है रोडवेज बस स्टैंड

नगर में अलीगढ़-मथुरा रोड पर सराय बाजार स्थित रोडवेज बस स्टैंड सफेद हाथी बना हुआ है। यहां मूलभूत सुविधाएं कहीं देखने को नहीं मिलतीं। सराय बाजार स्थित रोडवेज बस स्टैंड की पहले एक इमारत बनी हुई थी। बिल्डिंग पुरानी हो जाने पर उसे तोड़कर एक टिनशेड डालकर काम चला दिया गया। अब यहां रोडवेज की गाडिय़ा सिर्फ रात्रि में विश्राम करने आती हैं। दिन में बस स्टैैंड प्राइवेट बस चालकों के हवाले रहता है। यहां यात्रियों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं गायब हैं। यात्रियों के बैठने के लिए बेंच तक नहीं है। शौचालय से भयंकर बदबू आती है। नए बने शौचालय पर ताला लटका हुआ है। पुराने शौचालय पर दरवाजे नहीं हैैं। पानी की टंकी खराब पड़ी हुई है। यात्रियों को प्यास बुझाने के लिए सिर्फ एक हैंडपंप है। सवारियां भी बस स्टैंड के बजाय मुख्य चौराहे से ही बैठना पसंद करती हैैं। बस चालकों द्वारा चौराहे से सवारियां बैठाने की वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है। 


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