Move to Jagran APP

GST protest in Aligarh: ईंट पर पांच से 12 फीसद जीएसटी करने का भट्ठा मालिकों ने किया विरोध

वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर से मुलाकात की। विभाग के आयुक्त के नाम एक पत्र दिया जिसमें जीएसटी काउंसिल की 45 वीं बैठक में ईंट भट्ठा पर पांच की जगह 12 फीसद जीएसटी की प्रस्तावित दरों का विरोध किया गया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 11:59 AM (IST)
GST protest in Aligarh: ईंट पर पांच से 12 फीसद जीएसटी करने का भट्ठा मालिकों ने किया विरोध
12 फीसद जीएसटी की प्रस्तावित दरों का विरोध किया गया है।

अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ ईंट निर्माता एसोसिएशन ने गुरुवार को वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर से मुलाकात की। विभाग के आयुक्त के नाम एक पत्र दिया, जिसमें जीएसटी काउंसिल की 45 वीं बैठक में ईंट भट्ठा पर पांच की जगह 12 फीसद जीएसटी की प्रस्तावित दरों का विरोध किया गया है। इसकी सिफारिश आयुक्त कार्यालय की ओर से काउंसिल से करने का कारोबारियों ने दावा किया है। तर्क भी दिया गया है, ईंट भट्ठा कारोबार से बेहद गरीब तबके के लोगों को रोजगार मिलता है। अनपढ़ या बहुत कम पढ़े लिखे लोगों को परिवार के साथ रोजगार दिया जाता है। यह कारोबार पहले से ही तमाम जटिलताओं से जूझ रहा है। कभी महामारी तो कभी दैवीय आपदा बारिस से कच्ची ईंट मिट्टी के ढेर में बदल जाती हैं। रियल एस्टेट और बढ़े बिल्डिंग मेटेरियल के दामों में लग रही आग से लोगों ने निर्माण कार्यों से तौबा कर ली है। मंदी के चलते यह कारोबार पहले से ही तबाह हो जाता है। घटता व्यापार बढते टैक्स व बंदिशों से तमाम लोग इस कारोबार से पलायन कर गए हैं।

loksabha election banner

यह है मामला

समिति के जिलाध्यक्ष ठा. जनकपाल सिंह ने बताया है कि पहले तैयार ईंट पर पांच फीसद जीएसटी वसूली जाती थी। अब इस पर 12 फीसद जीएसटी करने का काउंसिल ने फैसला कर लिया है। इसका सीधा असर ग्राहक पर पड़ेगा। भारी मंदी से गुजर रहे इस कारोबार पर पहले से तमाम संकट हैं। अगर और शिकंजा कसा गया, या टैक्सों में बढोत्तरी की गई तो भट्ठा मालिक ईंट कारोबार से पलायन कर जाएंगे। जिले में 400 भट्ठा हैं। इस कारोबार से एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। ईंट भट्ठा का प्रमुख ईंधन कोयला होता है। जिस पर जीएसटी की दर पांच फीसद है। साथ ही 400 रुपये प्रतिटन सेस है। इस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलता है। पांच फीसद ही ईंट भट्ठा मालिक इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले सकते हैं। ईंट की बिक्री पर 12 फीसद जीएसटी देने पर कारोबारियों को घाटा होगा। जीएसटी की प्रस्तावित दर लागू होती हैं तो ग्राहक व निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पहले से ही कोयला की दो गुना दर हाे गई हैं। कंपोजिंग स्कीम में शामिल होने के लिए ढाई करोड़ रुपये के सालाना कारोबार को शामिल किया जाए।

ये रहे मौजूद

एडिशनल कमिश्नर ने कारोबारियों की यह मांग आयुक्त वाणिज्यकर विभाग तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। इस मौके पर महामंत्री हेमेंद्र सिंह चौधरी, मनोज अग्रवाल, मोहम्मद सोहेव, मोनू यादव, विशाल गर्ग, मोनू अग्रवाल, भुवेंद्र वाष्र्णेय, दीपक माहेश्वरी, अरविंद यादव, दामोदर गुप्ता, प्रेम प्रताप सिंह, अरुन गुप्ता आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.