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दीपावली पर रखें सेहत का ख्याल, सरकारी अस्पताल में सब है इंतजाम

दीवाली खुशियां लेकर आती है, मगर जरा सी लापरवाही खुशियों पर ग्रहण लगा सकती है। आतिशबाजी व गलत खानपान सेहत पर भारी पड़ सकता है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 04:28 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 04:28 PM (IST)
दीपावली पर रखें सेहत का ख्याल, सरकारी अस्पताल में सब है इंतजाम
दीपावली पर रखें सेहत का ख्याल, सरकारी अस्पताल में सब है इंतजाम

अलीगढ़ (जेएनएन)। दीवाली खुशियां लेकर आती है, मगर जरा सी लापरवाही खुशियों पर ग्रहण लगा सकती है। आतिशबाजी व गलत खानपान सेहत पर भारी पड़ सकता है। सेहत का खयाल रखकर दीपावली की खुशियों का आनंद लें।

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लापरवाही खतरनाक

वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा बताते हैं कि दीवाली पर बच्चे व बड़े  आतिशबाजी जलाते है, जिनसे निकले धुएं में खतरनाक रासायनिक तत्व होते है, जिनसे सांस लेने में दिक्कत, खांसी, जैसी समस्याएं हो सकती है। धुएं के कण फेफड़े में जाकर ब्रोंकाइटिस की समस्या पैदा करते हैं। आतिशबाजी से एलर्जी, खुजली आदि की दिक्कतें हो सकती है। ध्वनि प्रदूषण से कम सुनाई पडऩा एवं बहरापन हो सकता है। हमें स्वस्थ दीपावली मनानी है तो आतिशबाजी से दूर रहना पड़ेगा। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलेश मित्तल के अनुसार तेज रोशनी व धुएं से आंखों में दर्द, जलन, लालिमा, एलर्जी, कंजक्टिवाइटस आदि हो सकती है। आंखों का बचाव बहुत जरूरी है।

खानपान में बरतें एहतियात

दीनदयाल अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एसके सिंघल बताते हैं कि तेल, मिलावटी खोवा व रासायनिक रंग सेहत के लिए खतरनाक है। इससे उल्टी, दस्त, जलन, खट्टी डकार, गैस पेट दर्द, पीलिया, फूड प्वॉइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। घर में बनी मिठाई, फल व ड्राई फ्रूट्स का अधिक प्रयोग करें।

इमरजेंसी में विशेष व्यवस्था

सीएमओ डॉ. एमएल अग्र्रवाल ने बताया कि दोनों जिलास्तरीय अस्पतालों की इमरजेंसी में पीडि़तों की ड्रेसिंग, सफाई, दवाइयां व अन्य व्यवस्थाओं के निर्देश दिए गए हैं। अतिरिक्त वार्ड भी आरक्षित रहेंगे। रात में डॉक्टर मौजूद रहेंगे। सीएचसी-पीएचसी पर भी इलाज में समस्या नहीं होगी।  एंबुलेंस के लिए 102 या 108 पर कॉल कर सकते हैं। गंभीर मरीजों को हायर सेंटर ले जाने के लिए दो लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध हैं।

ये भी रखें ख्याल

- कम आवाज व कम मात्रा में आतिशबाजी छोड़ें

- खुली जगह पर ही आतिशबाजी चलाएं।

- आतिशबाजी के स्थान पर पानी की बाल्टी अवश्य रखें।

- दीयों में शुद्ध सरसों का तेल जलाएं

- दमा के मरीज इन्हेलर पास ही रखें।

- मरीज खुद साफ-सफाई से बचें। बाहर निकलें तो नाक पर रूमाल रखें

- बच्चों को अकेले आतिशबाजी न चलाने दें

- ज्यादा दिन पुरानी मिठाई का सेवन न करें।


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