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Shardiya Navratri : नवमी पर घर-घर जिमाए गए कन्या लांगुरा Aligarh news

अलीगढ़ जागरण संवाददाता । शारदीय नवरात्र के समापन पर दुर्गा नवमी को इगलास कस्बा सहित ग्रामीण अंचल में श्रद्धालुओं ने मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने श्रद्धा के साथ घरों में कन्या लांगुराओं को भोजन कराकर दक्षिणा देकर व्रत खोले।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:40 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:48 AM (IST)
Shardiya Navratri : नवमी पर घर-घर जिमाए गए कन्या लांगुरा Aligarh news
भक्तों ने श्रद्धा के साथ घरों में कन्या लांगुराओं को भोजन कराकर दक्षिणा देकर व्रत खोले।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । शारदीय नवरात्र के समापन पर दुर्गा नवमी को इगलास कस्बा सहित ग्रामीण अंचल में श्रद्धालुओं ने मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने श्रद्धा के साथ घरों में कन्या लांगुराओं को भोजन कराकर दक्षिणा देकर व्रत खोले।

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पथवारी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

गुरुवार को भोर की पहली किरण के साथ से ही नगर के प्राचीन पथवारी मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जगत जननी मां के दर्शन कर भक्तों ने आशीर्वाद लिया और मनोतियां मांगी। इस दौरान मंदिरों में घंटे-घड़ियालों की टंकार और महामाई का जयघोश गूंजता रहा। भक्तों ने हलवा व चले का भोग लगाया। इसके बाद महामाई के भक्तों ने श्रद्धा के साथ घरों में कन्या-लांगुराओं का विधिविधान से पूजन किया। कन्या लांगुराओं को भोजन ग्रहण कराकर उन्हें दक्षिणा एवं उपहार भेंट कर नौ दिन से चले आ रहे अपने व्रत खोले। नवमी के दिन पथवारी मंदिर पर चले रहे मेला का समापन होगा। इससे पूर्व पथवारी मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों की रोशनी से सजाया गया है। पथवारी मैया व बैभव लक्ष्मी मैया का फूल बंगला सजाया जा रहा है। मैया के छप्पन भोग लगाए जाएंगे । इस दौरान नौका विहार महोत्सव का आयोजन होगा। इगलास पथवारी मंडल द्वारा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूर्ण की जा रही है।

कन्या रुपी नौ देवियां

नौ देवियों के रूप में नवमी के दिन व्रत का परायण करने से पहले नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए। ऐसा शास्त्रों में वर्णन मिलता है। ये नौ कन्याएं नौ देवियों का ही रूप हैं। हर कन्या एक देवी का रूप मानी जाती है। प्रत्येक कन्या का पूजन परोक्ष रुप से एक देवी का पूजन होता है। दो साल की बच्ची कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छह साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शांभवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की सुभद्रा का स्वरूप मानी जाती है।


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