मंदिर के भूमि पूजन की खुशियां सोशल मीडिया पर छायीं Hathras News
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास-पूजन के खास मौके पर सोशल मीडिया पर लोग इसे दिवाली के पर्व की तरह मना रहे थे। ट््िवटर वाट््सएप व फेसबुक आदि पर मैसेजों की बाढ़ सी आई हुई थी।
हाथरस जेएनएन: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास-पूजन के खास मौके पर सोशल मीडिया पर लोग इसे दिवाली के पर्व की तरह मना रहे थे। ट््िवटर, वाट््सएप व फेसबुक आदि पर मैसेजों की बाढ़ सी आई हुई थी। घरों में बैठे लोग अपने मित्र, रिश्तेदार आदि के साथ प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए भूमि पूजन होने की खुशियों को शेयर करने में तल्लीनता के साथ लगे हुए थे।अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर बनने की खुशी का इजहार सोशल मीडिया के माध्यम से बुधवार को शुरू हुआ। राम सेवक कार्यक्रम की सूचना हो या अन्य कोई जानकारी सभी को इसी मंच के माध्यम से लोगों को पहुंचा रहे थे।
नई पीढ़ी को कारसेवा के संघर्षाें की दिलाई याद
मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन भले ही युवा पीढ़ी के लिए साधारण बात रही हो, पर इसके पीछे कितने आंदोलन व संघर्षों से रामसेवकों को गुजरना पड़ा इसका दर्द वे ही जानते हैं। इसका एहसास नई पीढ़ी को दिलाने के लिए कारसेवा में हुए संघर्षों व पूर्वजों द्वारा किए गए आंदोलन के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किए गए।
आतुर भीड़ का पुलिस से संघर्ष
सोशल मीडिया पर इस दिन मंदिर के इतिहास से संबंधित जानकारी की भरमार थी। 1990 के दशक में हुई कारसेवा से जुड़े वीडियो में कारसेवकों के जत्थे को अयोध्या जाते हुए दिखाया गया है। अयोध्या में पुलिस द्वारा चलाई गई गोली और उसमें मृत कारसेवकों के पार्थिव शरीर के मंजर के पोस्ट भी किए गए। वीडियों ने युवा पीढ़ी को अंदर तक झकझोर दिया।
बिजौली में मना जश्न
विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक ङ्क्षसहल के गांव में जश्न मनाया गया। ङ्क्षसहल के परिवार के भतीजे महाराणा प्रताप ङ्क्षसहल ने प्रभु श्रीराम और अशोक ङ्क्षसहल के चित्र पर माल्यार्पण किया। मिठाई बांटी और जयश्रीराम के नारे लगाए। महाराणा प्रताप ङ्क्षसहल ने कहा कि सारी दुनिया को पता है कि मंदिर निर्माण के लिए अशोक ङ्क्षसहल ने अपना पूरा जीवन न्यौछावर कर दिया। मंच से संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी चाचाजी को याद किया तो मेरा जीवन धन्य हो गया। आज बिजौली की माटी भी अमर हो गई। शुभम ङ्क्षसहल ने कहा कि आज गांव का बच्चा-बच्चा बाबाजी को याद कर रहा है। हरि बाबू बंसल, कुंवर पाल फौजी, आशिब, साजन, कासिम भी मौजूद थे।