Dainik Jagran campaign : संयुक्त रूप से जलाएं होलिका और लें संकल्प, होली पर बचाएंगे पर्यावरण Aligarh news
पर्यावरण से हम सभी का सरोकार है। यदि पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा तो हमारा जीवन भी संकट में पड़ जाएगा। इसलिए इसके सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी भी होती है। इस बार होलिका पर हम सभी मिलकर हरे पेड़ की लकड़ी न रखने और उपले का प्रयोग करने का संकल्प लें।
अलीगढ़, जेएनएन : पर्यावरण से हम सभी का सरोकार है। यदि पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा तो हमारा जीवन भी संकट में पड़ जाएगा। इसलिए इसके सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी भी होती है। इस बार होलिका पर हम सभी मिलकर हरे पेड़ की लकड़ी न रखने और उपले का अधिक से अधिक प्रयोग करने का संकल्प लें। होलिका दहन से पहले लोगों को जागरूक करें, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।
जगह-जगह रखी गयीं होलिका
वसंत पंचमी से होलिका जगह-जगह रख दी गई हैं। दहन के समय अधिक स्थानों पर होलिका रखी जाती है। इसलिए संकल्प लें कि इस बार संयुक्त रुप से होलिका दहन करेंगे। अनावश्यक रुप से लकड़ी नहीं जलाएंगे। दैनिक जागरण की इस मुहिम से तमाम लाेग जुड़ रहे हैं, वो मुहिम की सराहना भी कर रहे हैं। क्योंकि जिस प्रकार से पेड़ काटे जा रहे हैं। जंगल खत्म हो रहे हैं। बाग-बागवानी गायब होते जा रहे हैं। शहर कंक्रीट में बदलता जा रहा है और खेत-खलिहानों में भी मकान बनाए जा रहे हैं। शहर का विस्तारीकरण होने से आसपास के पेड़-पौधे भी गायब हो चुके हैं। ऐसे में पर्यावरण को तेजी से नुकसान हो रहा है। इसे बचाने की हमारी जिम्मेदारी है। आइए, इस बार होली को खुशनुमा बनाएं, संयुक्त रुप से होलिका रखकर एक नई मिसाल पेश करें।
पर्यावरण को बचाएं
पर्यावरण को बचाने की हम सभी की जिम्मेदारी है। वरना आने वाली पीढ़ी हम सभी से सवाल करेगी और हम उसका जवाब नहीं दे सकेंगे। इसलिए इस बार होलिका में सिर्फ उपले ही रखें। इससे गोशालाएं समृद्ध होंगी। उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। गोबर का भी प्रयोग हो जाएगा। होलिका दहन के बाद निकली राख का प्रयोग भी खेत आदि में कर सकते हैं।
रश्मि चौधरी
होलिका रखने की होड़ में लोग हरे पेड़-पौधे भी रख देते हैं। हमें इससे बचना है। होलिका पर सिर्फ उपले ही रखें। इससे प्रदूषण नहीं होगा। साथ ही संयुक्त होलिका रखने का निर्णय लें। क्योंकि जिस प्रकार से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, उससे आने वाले दिनों में बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। इसके लिए हमें लोगों को अभी से जागरूक करना है।
प्रमोद कुमार शर्मा