JNU के छात्र शरजील का केस डॉ.कफील से भी गंभीर, देशद्रोह का है आरोप Aligarh news
भड़काऊ भाषण देने पर गोरखपुर के डॉ. कफील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हुई कार्रवाई के बाद अब जेएनयू के छात्र शरजील इमाम पर भी रासुका की कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है।
अलीगढ़ [जेएनएन]: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने पर गोरखपुर के डॉ. कफील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हुई कार्रवाई के बाद अब जेएनयू के छात्र शरजील इमाम पर भी रासुका की कार्रवाई की चर्चा तेज हो गई है। शरजील ने भी एएमयू की धरती पर असम को देश करने का बयान दिया था। देशद्रोह के आरोप में शरजील दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। शरजील का केस डॉ. कफील से भी ज्यादा गंभीर है।
यह कहा था शरजील ने
एएमयू में 16 जनवरी को आयोजित सभा में शरजील ने कहा था कि अगर पांच लाख लोग संगठित हैं तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। स्थायी तौर पर नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से अलग कर ही सकते हैं। मतलब पटरियों पर इतना मलबा डालो कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएं वायुसेना से। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है। असम और ङ्क्षहदुस्तान कट के अलग हो जाएंगे, तभी ये हमारी बात सुनेंगे।
बिहार से हुई थी गिरफ्तारी
25 जनवरी को इसका वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने सिविल लाइंस थाने में देशद्रोह का मुकदमा किया था। दिल्ली व बिहार पुलिस ने संयुक्त रूप से उसे जहानाबाद (बिहार) स्थित पैतृक गांव कोका से गिरफ्तार किया था। अलीगढ़ पुलिस भी उसे लाने में जुटी है। बुधवार को पुलिस ने जाकर तिहाड़ जेल में बी वारंट दाखिल कर दिया है। उस पर 18 फरवरी की कोर्ट में सुनवाई है। कोर्ट के आदेश पर शरजील को अलीगढ़ लाया जाएगा।
पुलिस है अलर्ट
पुलिस इस बात को लेकर सतर्क है कि किसी भी कीमत पर शहर का माहौल न बिगड़े। डॉ. कफील पर हुई कार्रवाई के बाद चर्चा तेज हो गई कि जिला प्रशासन शरजील पर भी रासुका लगाने की तैयारी कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो ये प्रक्रिया शुरू भी गई है। पुलिस कार्रवाई के बाद प्रशासन की ओर से निर्णय लिया जाएगा।