अलीगढ़ के छात्रों ने लाठियां भांजने वाले पुलिसकर्मियों को खिलाए फल, पिलाया शर्बत
जिन्ना की तस्वीर को लेकर नौ दिन से आंदोलनरत एएमयू छात्रों ने आरोपित पुलिसकर्मियों को संतरे और केले खिलाए और शर्बत पिलाया।
अलीगढ़ (जेएनएन)। जिन्ना की तस्वीर को लेकर दो मई को लाठियां भांजने वालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर नौ दिन से आंदोलनरत एएमयू छात्रों ने गुरुवार को आरोपित पुलिसकर्मियों को ही संतरे और केले खिलाए। शरबत भी पिलाया। फलाहार का आनंद लेने वालों में आरोपित सीओ संजीव दीक्षित व इंस्पेक्टर सिविल लाइंस जावेद खां भी हैं, जिनके निलंबन की मांग छात्रसंघ ने मुख्य रूप से उठाई है। इंस्पेक्टर पर आरोप था कि हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को वही बॉबे सैयद तक नारेबाजी कराते लाए थे। गुरुवार को बदले मन-मिजाज से साफ कर दिया कि छात्र संघ भी जल्द धरना खत्म करने के मूड में है। धरना अभी जारी है, लेकिन भीड़, तल्खी और तेवर गुम होते दिखे। छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने फलाहार पर कहा कि पुलिसवालों तक मोहब्बत का संदेश लेकर गए थे, ताकि स्पष्ट हो सके कि एएमयू छात्र बवाली नहीं हैं। हमारा आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा। धरने में देश-विदेश से समर्थक भी पहुंच रहे हैं।
हिंदूवादियों की जमानत, एक रिहा
दो मई को यूनिवर्सिटी सर्किल पर जिन्ना का पुतला फूंकने के दौरान एएमयू सुरक्षाकर्मी से मारपीट में आरोपित अमित गोस्वामी व मुस्लिम बाहुल्य इलाके में रैली निकालकर भड़काऊ नारे लगाने के लिए आरोपित योगेश वाष्र्णेय को कोर्ट ने जमानत दे दी। देरशाम योगेश को जेल से रिहा भी कर दिया गया। अमित गोस्वामी की शुक्रवार को रिहाई होगी। इससे पहले दोनों युवकों से भाजपा सांसद सतीश गौतम ने जेल में मुलाकात की। गौतम ने ही जिन्ना पर एएमयू कुलपति को पत्र लिखा था।
पाकिस्तान में खोजे नहीं मिलेगी गांधी की तस्वीर
आपदा पीडि़तों को राहत के चेक देने आए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने जिन्ना प्रकरण पर कहा कि आपको पाकिस्तान में गांधीजी या सरदार वल्लभ भाई पटेल की तस्वीर ढूंढे नहीं मिलेगी। यह अप्रासंगिक विषय है। मोदी सरकार 125 करोड़ भारतीयों के लिए काम कर रही है।
यूनिवर्सिटी जरूरी या आरएसएस की शाखा?
एएमयू छात्रसंघ ने पीएम-सीएम और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को संविधान की कॉपी भेजते हुए सवाल किया है कि यूनिवर्सिटी में आरएसएस की शाखा जरूरी है या संस्थान का स्थायित्व? दरअसल, आरएसएस से जुड़े आमिर रशीद ने एएमयू में संघ की शाखा खोलने की मांग की थी। इसके जवाब में एएमयू छात्रों ने यह सवाल किया है।
दारुल उलूम वक्फ चिंतित
दारुल उलूम वक्फ के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी ने एएमयू प्रकरण में चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जब भी शैक्षिक संस्थाएं अपने बुनियादी मकसद से हटती है तो उसके गलत असर सिर्फ छात्रों पर ही नहीं, बल्कि पूरी कौम पर पड़ता है। गुरुवार को जारी बयान में मौलाना सुफियान कासमी ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय पर देश के हर शख्स का बराबर का हक होता है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक लाभ उठाने के लिए एएमयू को मुद्दा बनाकर बेवजह हंगामा किया जा रहा है। इससे वहां शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है। कहा कि उम्मीद है कि सरकार इस संबंध में संजीदा और आवश्यक कदम उठाते हुए तालीमी इदारों को सुरक्षा प्रदान करने का काम करेगी। उन्होंने एएमयू छात्रों से भी राजनीति से दूर रहते हुए अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है।
पूर्व विधायक जमीरउल्लाह की हटाई सुरक्षा
जिन्ना प्रकरण को लेकर शुरू ही सियासत में प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। पूर्व विधायक जमीर उल्लाह के खिलाफ सिविल लाइंस पुलिस ने भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट दर्ज की है। जिला प्रशासन ने 15 साल से मिली आ रही पूर्व विधायक की सुरक्षा को भी हटा लिया है। पूर्व विधायक आरोप है कि उनकी हत्या की साजिश हो रही है। उन्हें कुछ होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी। पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में एएमयू छात्र दो मई से बॉबे सैयद पर धरना दे रहे हैं। सपा, बसपा, कांग्रेस के साथ तमाम संगठनों के पदाधिकारियों ने पहुंचकर छात्रों को समर्थन दिया। धरने पर पीएम मोदी व सीएम योगी को अधिक निशाना बनाया गया। आरोप है कि सपा से बसपा में शामिल हुए पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने दो मई को भड़काऊ भाषण दिया था। इसी पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। जिला प्रशासन ने गनर भी हटा लिया। पूर्व विधायक ने कहा कि मुझे हाईकोर्ट के आदेश पर 15 साल से गनर मिला हुआ था। गुरुवार को बिना बताए हटा लिया गया। मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है। जेल जाने को भी तैयार हूं। मैंने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया। इसकी शिकायत शुक्रवार को प्रमुख सचिव, डीजीपी से की जाएगी। बसपा मुखिया मायावती को भी जानकारी दी जाएगी।