जिन्ना ने की थी तीन शादियां, पढ़ें तीसरी बेगम का खत
गांधी आई हॉस्पिटल में 'वाइफ ऑफ जिन्ना' के नाम से 1944 में किए गए हस्ताक्षर , जिन्ना की दोनों पत्नियों की 1944 से पूर्व ही हो चुकी थी मौत।
अलीगढ़ (जागरण संवाददाता)। एएमयू जिन्ना की तस्वीर को लेकर उठा बवंडर भले ही शांत हो गया हो, लेकिन नया बखेड़ा जिन्ना की तीसरी बेगम के रूप में सामने आ गया है। यहां के गांधी आई हॉस्पिटल में मिले पत्र में 'वाइफ ऑफ जिन्ना' के नाम से वर्ष 1944 में दस्तखत मिले हैं। इसमें बेगम का नाम नहीं लिखा है। शनिवार को यह बात तब सार्वजनिक हुई, जब नए डीएम यहां निरीक्षण को पहुंचे।
हॉस्पिटल प्रबंधन का दावा है कि जिन्ना की पत्नी ही 1944 में यहां आई थीं, तभी उन्होंने पत्र दिया था। सवाल यह है कि क्या यह जिन्ना तीसरी पत्नी थीं? क्योंकि, जिन्ना की पहली पत्नी इमीबाई जिन्ना का 1893 और दूसरी पत्नी रत्तनबाई (मरियम) जिन्ना का 1929 में इंतकाल हो गया था। गाधी आई अस्पताल ट्रस्ट के अध्यक्ष व डीएम चंद्रभूषण सिंह शनिवार को अस्पताल पहुंचे तो सचिव ने प्रतिष्ठित आगंतुकों की फाइल दिखाई। इसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू, गोविंद बल्लभ पंत, पृथ्वी राजकपूर जैसी कई हस्तियों के साथ मुहम्मद अली जिन्ना की पत्नी का पत्र भी था। फाइल में लगे लेटर को डीएम को भी दिखाया गया।
जानिए पत्र में क्या लिखा है
यह पत्र उर्दू में लिखा गया है है। इसमें लिखा है-आज मुझे डॉ. मोहनलाल साहब के आंख का अस्पताल देख बड़ी प्रसन्नता हुई। इंसान के लिए आंख की रोशनी सबसे बड़ा उपहार है। जो लोग डॉ. मोहन लाल की तरह आंख के इलाज में मशगूल हैं, वे देश के लिए तारीफ के काबिल हैं। मुझे उम्मीद है कि इस हॉस्पिटल के निर्माण का कार्य मुकम्मल होगा। डॉक्टर साहब अपने इरादों में सफल होंगे।
हस्ताक्षर की जगह 'बेगम मोहम्मद अली वाइफ ऑफ मोहम्मद अली जिन्ना' लिखा है। पत्र में तारीख 17.12.1944 लिखी है। जिन्ना की पत्नी के सवाल पर डीएम ने कहा कि देश की तमाम हस्तियां यहां आई हैं। वह कहीं से भी हों। उन्होंने अस्पताल की तारीफ ही की है। मैं ट्रस्ट का अध्यक्ष होने के नाते गौरव महसूस कर रहा हूं। डीएम ने कहा कि यह अस्पताल एक विरासत है, इसको आगे बढ़ाना है।
गांधी आई हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक मधुप लहरी का कहना है जिन्ना की पत्नी आजादी से पहले हॉस्पिटल आई थीं। तभी, उन्होंने हॉस्पिटल के विजिटर्स बुक में अपनी लंबी बात लिखी थी। कई दूसरी हस्तियों ने भी इसमें लिखा है। ये हमारी ऐतिहासिक धरोहर हैं। अंग्रेजों के नाम पर इमारतों, सड़कों व अस्पतालों के नाम हैं, जो अभी तक नहीं बदले गए।
भाजपा सांसद बोले-आज जिन्ना पर कुछ नहीं बोलूंगा एएमयू में जिन्ना की तस्वीर पर सवाल उठाने वाले भाजपा सांसद सतीश गौतम ने गांधी आई हॉस्पिटल में जिन्ना की कथित पत्नी के पत्र को ऐतिहासिक बताकर रखने पर टिप्पणी से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, 'आज जिन्ना पर कुछ नहीं बोलूंगा।' जब उनसे पूछा गया कि क्या पत्र को हटाने के लिए अस्पताल को लिखेंगे? तो सांसद इस पर कन्नी काट गए।
इसके पहले, मीडिया से रूबरू सांसद से सवालों की झड़ी लग गई। उनसे पूछा गया कि 28 दिन बाद भी एएमयू कुलपति ने जिन्ना को लेकर लिखे पत्र पर आपको जवाब नहीं दिया, क्या दूसरा पत्र लिखेंगे? जिन्ना की तस्वीर हटवाने के लिए अब क्या करेंगे? क्यों यह मुद्दा उठाया? सांसद दोहराते रहे, आज सरकार के चार साल पूरे होने पर ही कुछ कहूंगा। जिन्ना पर कुछ न बोलूंगा।'