हाथरास के ओवरब्रिज निर्माण में लगेगा वक्त, ये है वजह
सेतु निगम की ओर से तालाब चौराहे पर बन रहे रेलवे पुल का काम लगभग पूरा हो गया है जबकि रेलवे का काम बाकी है। इसके लिए लाइन के ऊपर रखे जाने वाला स्टील गार्डर का इंतजार है।
हाथरस जेएरनएन : सेतु निगम की ओर से तालाब चौराहे पर बन रहे रेलवे पुल का काम लगभग पूरा हो गया है, जबकि रेलवे का काम बाकी है। इसके लिए लाइन के ऊपर रखे जाने वाला स्टील गार्डर का इंतजार है। भोपाल में गार्डर बनाने का काम जारी है, इसमें गैस की किल्लत आड़े आ रही है। गैस की कमी से गार्डर बनाने में देरी हो रही है। पड़ताल करने पर पता चला कि 90 फीसद गार्डर अभी कंपनी में तैयार हो रहा है। उसमें भी रोड़ा है कि गैस भोपाल की कंपनी को नहीं मिल पा रही है। उपलब्ध गैस फिलहाल अस्पतालों को सप्लाई हो रही है, ताकि कोरोना मरीजों को बचाया जा सके। ऐसे में इस साल के अंत तक तो कम से कम रेलवे पुल की सौगात मिलने की उम्मीद कम है।
पहले से पिछड़ चुका है काम
कोरोना के कारण करीब पांच महीने तक पुल का काम पहले से पिछड़ चुका है। अब स्टील गार्डर का पेच फंस गया है। वैसे 31 मार्च तक काम खत्म होना था मगर एक के बाद एक अड़चनों के काम लटकता गया। वैसे स्टील गार्डर का थोड़ा हिस्सा क्या आया, खबर फैल गई कि अब जल्द ही काम पूरा हो जाएगा, मगर रेलवे से पता चला है कि भोपाल में गैस की किल्लत के कारण काम रुका है। स्टील गार्डर में गैस से वेल्डिंग का अधिकांश काम होता है। दो महीने में गार्डर मिलने का भरोसा दिया गया है।
गार्डर आने पर दो महीने लगेगा
गार्डर नवंबर के अंत तक भी मिल जाता है तो एक महीना उसको लाइन के ऊपर लगाने में चाहिए। इस दौरान पूरे महीने कई कई घंटे का ब्लाक भी लेना होगा। इसके बाद सेतु निगम का बाकी काम भी पूरा होगा। ये काम गार्डर के ऊपर सड़क बनाने का भी है। पूरे काम में दो से तीन महीने लगने का अनुमान लगाया जा रहा है।
डीएम चाहते हैं कि रेलवे पुल का काम नवंबर-दिसंबर तक पूरा हो जाए।
हाथरस में तालाब चौराहे पर पर रेलवे पुल जल्द बने, रेलवे भी यही चाहता है, मगर कोरोना के कारण काम में देरी हो रही है। भोपाल से स्टील गार्डर बनकर आने में अभी दो महीने और लग सकते हैं। दिसंबर के बाद पुल का काम पूरा हो जाएगा।
-राजेंद्र सिंह, पीआरओ पूवोत्तर इज्जतनगर।