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टीबी का इलाज अधूरा छोड़ते ही पता चलेगा, पहुंचेंगी टीम

टीबी यानि क्षय रोग के समूल नाश के लिए केंद्र सरकार बेहद गंभीर है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 07:33 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 07:33 PM (IST)
टीबी का इलाज अधूरा छोड़ते ही पता चलेगा, पहुंचेंगी टीम
टीबी का इलाज अधूरा छोड़ते ही पता चलेगा, पहुंचेंगी टीम

जागरण संवाददाता, अलीगढ़: टीबी यानि क्षय रोग के समूल नाश के लिए केंद्र सरकार बेहद गंभीर है। अधिक से अधिक मरीजों को खोजकर उपचार पर लिया जा रहा है, लेकिन बीच में दवा छोड़ने वाले मरीज लक्ष्य में बाधा बन रहे हैं। ऐसे मरीजों की निगरानी के लिए विभाग अब टेक्नोलाजी का सहारा लेगा। इसके लिए अलीगढ़ में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत '99 डाट्स प्रणाली' लागू की गई है। इसमें टीबी का मरीज चाहे निजी क्षेत्र से हो या सरकारी क्षेत्र से, प्रत्येक खुराक के बाद टोल फ्री नंबर 18003137950 पर काल करेगा। ऐसा करते ही दवा खाने की डिटेल निक्षय पोर्टल पर दर्ज हो जाएगी। काल न करने पर विभाग को तुरंत पता चल जाएगा और टीमें मरीज से तुरंत संपर्क करेंगी और दवा खिलाएंगी। इससे किसी टीबी मरीज का इलाज बीच में नहीं छूटेगा।

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जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर ने बताया गया कि अभी 99 डाट्स प्रणाली के लिए शहरी क्षेत्र की दो टीबी यूनिट का चयन हुआ है। इनमें पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय व मलखान सिंह चिकित्सालय स्थित जिला क्षय रोग केंद्र प्रमुख हैं। इस प्रणाली से टीबी के मरीजों की निगरानी टेक्नोलाजी के माध्यम से होगी। मरीजों के दवा खाने या दवा छोड़ने आदि की सूचना विभाग को रियल टाइम मिल जाएगी। निक्षय पोर्टल से ऐसे मरीजों की ब्योरा अपडेट करना आसान होगा। विभाग सिस्टम से ही पता लगा लेगा कि किस मरीज ने दवा खाई और किसने नहीं खाई। ऐसे में स्थानीय टीम मरीज से संपर्क कर उसका तुरंत उपचार सुचारू कराएंगी। मरीज के मोबाइल पर भी सूचना दी जाएगी।

फोन में बैलेंस न होने पर भी काल

डा. भास्कर के अनुसार किसी भी मरीज को दवा शुरू करने से पहले एक बाक्स दिया जाएगा। बाक्स के ऊपर टोल फ्री नंबर 18003137950 अंकित होगा। इसे विभाग के सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस), सीनियर ट्रीटमेंट लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस) व टीबी हेल्थ विजिटर ( टीबीएचवी) मरीज के मोबाइल में सेव कर देंगे। उसी समय मरीज को बताएंगे कि प्रत्येक दिन दवा खाने के बाद इस नंबर पर फोन करना है। फोन में बैलेंस न होने पर भी काल लग जाएगी।

लक्षण दिखते ही कराएं इलाज

जिला समन्वयक सतेंद्र सिंह ने बताया कि सात दिन से अधिक की खांसी, अचानक वजन गिरना,पसीना आना, बुखार रहना, थकावट होना, वजन घटना, सांस लेने में परेशानी, खांसी में खून आना जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत टीबी की जांच कराएं। सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की निश्शुल्क जांच उपलब्ध हैं।


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