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यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए हाथरस की 70 दुकानों पर की जांच

कुल 70 दुकानों की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। कृषि उपनिदेशक एचएन सिंह ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी ने सात टीमों का गठन किया है। इन टीमों द्वारा ब्लॉक स्तर पर यूरिया खाद टॉप-20 बायर्स की जांच की गई। इसका उद्देश्य यूरिया की कालाबाजारी रोकना है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 08:47 AM (IST)
यूरिया की कालाबाजारी रोकने के  लिए हाथरस की 70 दुकानों पर की जांच
कालाबाजारी के खिलाफ हाथऱस में अभियान चल रहा है।

 हाथरस, जेएनएन।  यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए जिले में टॉप-20 बायर्स के तहत खाद की दुकानों पर सोमवार को चेकिंग अभियान चलाया गया। इसके लिए कृषि विभाग ने सातों ब्लॉकों में टीम का गठन किया है। दुकानों की जांच रिपोर्ट शासन ने तलब की है।

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रिकॉर्ड किया चेक 

कृषि विभाग की टीमों ने खाद व बीज की दुकानों पर जाकर चेकिंग  की। इसमें जिला कृषि रक्षा अधिकारी यतेंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ हाथरस ब्लॉक में 11 दुकानों पर खाद्य की बिक्री का रिकार्ड चेक किया। इसमें लाडपुर, मुरसान रोड, कोटा रोड, जलेसर रोड आदि क्षेत्रों में दुकानों की पीओएस मशीन, कैशमीमो, रजिस्टर आदि चेक किया। इसके अलावा मुरसान, सिकंदराराऊ, सासनी सहित सभी ब्लॉकों में निर्धारित टीमों ने पड़ताल की।

किसानों को खाद व बीज अनुदान पर दिया जाता है। इसमें एक आधार पर किसान को तीन से अधिक यूरिया खाद के बोरे नहीं दिए जा सकते। खाद विक्रेता अधिक मुनाफा कमाने के लिए हेरफेर कर खाद की बिक्री करते रहे हैैं। कालाबाजारी रोकने के लिए यह चेकिंग की जा रही है।

सातों ब्लॉक में 70 दुकानों की जांच

ब्लॉक स्तर पर गठित टीमों में जिला कृषि रक्षा अधिकारी को हाथरस, सहायक आयुक्त व सहायक निबंध सहकारिता को सहपऊ, उपकृषि निदेशक को सासनी, जिला उद्यान अधिकारी को हसायन, जिला कृषि अधिकारी को मुरसान, सहायक निदेशक मत्स्य को सादाबाद व भूमि संरक्षण अधिकारी को सिकंदराराऊ में भेजा गया। सभी ने दस-दस दुकानों को चेक किया। कुल 70 दुकानों की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। कृषि उपनिदेशक एचएन सिंह ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी ने सात टीमों का गठन किया है। इन टीमों द्वारा ब्लॉक स्तर पर यूरिया खाद टॉप-20 बायर्स की जांच की गई। इसका उद्देश्य यूरिया की कालाबाजारी रोकना है।

सहकारी समितियों पर मिलेगा सस्ता खाद

 एक अक्टूबर से रासायनिक खाद के बढ़े दाम ने किसानों की ङ्क्षचता बढ़ा दी है, मगर अब किसानों की टेंशन कुछ कम हो सकती है क्योंकि सहकारी समितियों पर खाद बाजार के मुकाबले कम दामों पर मिलेगी। इन दिनों बाजरा, आलू की फसल के बाद नई फसल के लिए खेतों में जोताई शुरू हो गई है। किसान जोताई करने के बाद खाद के लिए बाजार की तरफ रुख कर रहे हैं। बाजार में एक अक्टूबर से खाद के दाम बढ़ गए हैैं। नई फसल के लिए किसान सस्ते खाद की तलाश में हैैं। डीएपी के रेट 1150 से बढ़कर 1200 रुपये प्रति बोरी हो गया और एनपीए के रेट 1100 से 1175 तक पहुंच गया है। इस बात की जानकारी सहकारिता के उपनिबंधक अरङ्क्षवद दुबे को हुई तो उन्होंने सहकारी समितियों पर खाद के स्टाक को चेक कराया। पता चला कि प्रचुर मात्रा में खाद सोसायटी पर मौजूद है। उप निबंधक के अनुसार डीएपी 3800 एमटी और एनपीके 700 एमटी है। ऐसे में उन्होंने सभी सहकारी समितियों के सचिवों को निर्देश दिया है कि किसानों को पुराने रेट पर ही खाद मुहैया कराया जाए। पुराने स्टाक पर नये रेट वसूले तो विभागीय कार्रवाई होगी। उप निबंधक ने किसानों से भी अपील की है कि वह सहकारी समितियों से पुराने रेटों पर खाद खरीदें। 


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