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किसानों के लिए वरदान से कम नही है रुक-रुक कर होने वाली बारिश Aligarh news

आसमान से गिरी हुई बूंदें जो फसल के ऊपरी हिस्से कोत कहते है उसमें जाती हैं तो वह सिंचाई के साथ-साथ खाद का भी काम करती हैं। इससे अबकी बार गेहूं की फसल का उत्पादन रिकॉर्ड होने की पूरी संभावना है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 01:01 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 01:01 PM (IST)
किसानों के लिए वरदान से कम नही है रुक-रुक कर होने वाली बारिश Aligarh news
जवां में बारिश से लहलहाती सरसों की फसल।

अलीगढ़, जेएनएन : सर्दी के मौसम में होने वाली बारिश जन स्वास्थ्य के लिए भले ही  अनुकूल ना हो लेकिन गेहूं व अन्य फसलों पर इसका प्रभाव किसी वरदान से कम नहीं है। जानकारों का कहना है कि अगर ओले ना पड़े और इस तरह से ही रुक रुक कर बारिश होती रहे तो ये बारिश का पानी किसानों के लिए सिंचाई का काम तो करेगा ही वरन फसल में खाद लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

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गेहूं की बंपर पैदावार की संभावना

आसमान से गिरी हुई बूंदें सिंचाई के साथ-साथ खाद का भी काम करती हैं। इससे अबकी बार गेहूं की फसल का उत्पादन रिकॉर्ड होने की पूरी संभावना है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव कुलदीप सिंह चौहान का कहना है कि हाल ही में होने वाली पहली बारिश किसानों के लिए बेहद लाभदाई रही है, जिसने न सिर्फ सिंचाई का काम किया वरन किसानों की फसल में 5 किलो बीघे के यूरिया खाद के बराबर इस बारिश ने फसलों को फायदा पहुंचाया है। 

वरदान है बारिश

किसान नेता सुभाष चंद्र शर्मा का कहना है की  बारिश अगर इसी तरह रुक-रुक कर होती रहे तो किसानों के लिए  इससे बड़ा फायदा होगा एवं फसल उत्पादन में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी होगी। किसान मुनेश पाल सिंह का कहना है की यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं अगर ओले ना पड़े तो अबकी बार किसान को इस बारिश से अच्छा उत्पादन एवं मुनाफा होने की पूरी पूरी संभावना है।


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