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India Big News: अब कोरोनावायरस से डरने की जरूरत नहीं, AMU मेडिकल कालेज में कोवैक्सीन का तीसरा सफल परीक्षण

अब कोरोनावायरस से डरने की जरूरत नहीं है। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज के इतिहास में एक और उपलब्धि जु़ड़ गई है। जेएन मेडिकल कालेज में कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 10:16 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 10:16 PM (IST)
India Big News: अब कोरोनावायरस से डरने की जरूरत नहीं, AMU मेडिकल कालेज में कोवैक्सीन का तीसरा सफल परीक्षण
जेएनएमसी में कोविड-19 वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के तीसरे चरण का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।

अलीगढ़, जेएनएन। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज के इतिहास में एक और उपलब्धि जु़ड़ गई है। जेएन मेडिकल कालेज में कोविड-19 वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के तीसरे चरण का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। प्रधान अन्वेषक टीबी एंड रेस्पायरेटरी विभाग के प्रो. मुहम्मद शमीम ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को इस बारे में जानकारी दी है। यह भी कहा कि तीसरे चरण के परीक्षण की रिपोर्ट आइसीएमआर को सौंप दी गई है। एएमयू रजिस्ट्रार आइपीएस अब्दुल हमीद उपस्थित थे।

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एएमयू कुलपति की सराहना

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डा कृष्णा एम इला ने इस महान जिम्मेदारी को निभाने के लिए कुलपति प्रो. तारिक मंसूर और उनकी टीम की सराहना की और आशा व्यक्त की कि एएमयू के साथ सहयोग जारी रहेगा। कुलपति जोकि परीक्षण के सहायक प्रधान अन्वेषक भी हैं। उन्होंने प्रो. मुहम्मद शमीम और पूरी टीम को उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और समर्पित भाव से कार्य करने के लिए बधाई दी, जिन्होंने अनुसंधान के लिए महामारी के चरम पर रहते हुए चुनौतियों का सामना किया और वालियंटर्स के बीच विश्वास बनाए रखा। वैक्सीन परीक्षण का तीसरा चरण इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसे नवंबर 2020 में संस्थागत आचार समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था और परीक्षण के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती की गई थी। प्रो. शमीम ने कहा कि ‘एएमयू वैक्सीन परीक्षण के लिए 1,000 स्वयंसेवकों को पंजीकृत करने वाला पहला संगठन था।‘ एएमयू की विश्वसनीयता और कुलपति के निरंतर सहयोग और प्रोत्साहन ने स्वयंसेवकों के बीच विश्वास बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टीम में ये रहे मौजूद

इस प्रतिष्ठित परीक्षण की टीम के सदस्यों में डा. सामिया किरमानी, डा. अरबाज आलम खान, वैज्ञानिक बी डा. अज़ीमुद्दीन मलिक, डा. शारिक अहमद, डा. नफीस अहमद खान और डा. ओबैद इम्तियाज-उल-हक़ उप अन्वेषक के अलावा इरफान फरीदी, शिराज, बुशरा काजी प्रोजेक्ट असिस्टेंट, अलमीन शेरवानी और गुरु सिंह रिसर्च असिस्टेंट, शादान, फैजान, अहमद फवाद लैब एनालिटिकल पर्सन, शफीकुल रहमान, जकिया फील्ड वर्कर, सना नर्सिंग स्टाफ, इशान और आफिसर लैब टेक्निशियन शामिल थे।


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