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अलीगढ़ में निर्दलियों का भी रहा है दबदबा, कांग्रेस-जनसंघ के प्रत्याशियों को दे चुके हैं मात

UP Assembly Elections 2022 1957 के चुनाव में टप्पल से कांग्रेस के देवदत्त विधायक बने इनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी किशोरी रमन सिंह हुआ था। 1957 के चुनाव में अलीगढ़ से कांग्रेस से अनंत राम वर्मा विधायक बने। इनका मुकाबला निर्दल प्रत्याशी एलएन माहौर से हुआ था।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 03:40 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 03:51 PM (IST)
अलीगढ़ में निर्दलियों का भी रहा है दबदबा, कांग्रेस-जनसंघ के प्रत्याशियों को दे चुके हैं मात
विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी भी दिग्गजों के होश उड़ा चुके हैं।

मनोज जादौन, अलीगढ़ । UP Assembly Elections 2022 विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी भी दिग्गजों के होश उड़ा चुके हैं। लगभग सभी चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशियों ने ताल ठोकी थी। इनकी संख्या भी कम न थी। कई बार तो मुकाबले में ही निर्दलीय थे। अलीगढ़ जिले में आजादी से लेकर अब तक तीन निर्दलीय विधायक बने हैैं। इनमें दो इगलास से और एक टप्पल विधानसभा क्षेत्र से जीते। इन्होंने कांग्रेस व जनसंघ के प्रत्याशियों को मात दी थी। इस चुनाव में भी सभी विधानसभा क्षेत्रों में निर्दलीय प्रत्याशी हैं, जिनके अपने दावे और वोटों का गणित है।

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1952 से अस्‍तित्‍व में आए निर्दलीय प्रत्‍याशी

आजादी के बाद से अब तक हुए चुनावों में 1352 प्रत्याशी भाग्य आजमा चुके हैं। इनमें से 117 विधायक बने। निर्दलीय प्रत्याशियों का चुनाव में मैदान में आना 1952 से ही शुरू हो गया था। यह पहला चुनाव था, जिसमें इगलास विधानसभा क्षेत्र से राजा बहादुर किशोरी रमन ङ्क्षसह निर्दलीय प्रत्याशी थे। इनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी सौदान ङ्क्षसह से हुआ। सौदान ङ्क्षसह की जीत हुई। दूसरे नंबर पर किशोरी रमन ङ्क्षसह रहे। 1957 में हुए चुनाव में किशोरी रमन ङ्क्षसह ने इगलास से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ लक्ष्मी ङ्क्षसह को हरा दिया था। लक्ष्मी ङ्क्षसह भी निर्दलीय प्रत्याशी थे। किशोरी रमन ङ्क्षसह पहले विधायक रहे, जो निर्दलीय जीते थे। 1962 में हुए चुनाव में इगलास से निर्दलीय विधायक सौदान सिंह बने। उन्होंने जनसंघ के सोरन ङ्क्षसह को हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा था। इसी चुनाव में टप्पल से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर महेंद्र सिंह विधायक बने। इन्होंने पीएसपी प्रत्याशी महावीर ङ्क्षसह को हराया था। इसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी मुकाबले में तो रहे, लेकिन विधायक नहीं बन पाए।

मुकाबले में निर्दलीय

1957 के चुनाव में टप्पल से कांग्रेस के देवदत्त विधायक बने, इनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी किशोरी रमन सिंह हुआ था। 1957 के चुनाव में अलीगढ़ से कांग्रेस से अनंत राम वर्मा विधायक बने। इनका मुकाबला निर्दल प्रत्याशी एलएन माहौर से हुआ था। गंगीरी से कांग्रेस प्रत्याशी श्रीनिवास विधायक बने, लेकिन दूसरे नंबर पर रहने वाले श्यामसुंदर निर्दलीय प्रत्याशी थे। 1967 के चुनाव में इगलास से कांग्रेस के एमएल गौतम जीते। इनके मुकाबले में एस. ङ्क्षसह निर्दलीय प्रत्याशी थे। खैर से विधायक बने कांग्रेस के प्यारेलाल का मुकाबले निर्दलीय प्रत्याशी एम. ङ्क्षसह से हुआ था। 1989 में बरौली से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र ङ्क्षसह चौहान विधायक बने। इनका मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी दलवीर ङ्क्षसह से रहा था।

1957 में अतरौली में सबसे कम दो प्रत्याशी

आजादी के बाद से अब तक हुए विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक व सबसे कम प्रत्याशियों का भी एक रिकार्ड है। 1993 के चुनाव में अलीगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 58 प्रत्याशी थे। यह रिकार्ड अभी तक नहीं टूटा है। इसी तरह 1957 में अतरौली में दो प्रत्याशी थे। यह अब तक के सर्वाधिक कम प्रत्याशी रहे।

निर्दलीय चुनाव लड़कर सिकंदराराऊ में जीते अमर सिंह

अलीगढ़ के देवी के नगला के अमर सिंह दो बार विधायक बन चुके हैं। दोनों बार वे हाथरस जिले के सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से जीते। 1993 में वे सपा से चुनाव लड़े थे और भाजपा के सेक्रेटरी ङ्क्षसह यादव को हराया था। 2002 में वे निर्दलीय प्रत्याशी थे। उन्होंने भाजपा के यशपाल ङ्क्षसह को हराया था।


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