जरूरतमंदों की मदद को हाथ बढ़ाए तो बढ़ा आत्मविश्वास
आदरणीय पिताजीआपको मेरा सादर प्रणाम। आशा करता हूं आप कुशल मंगल होंगे।
अलीगढ़: आदरणीय पिताजी,
आपको मेरा सादर प्रणाम। आशा करता हूं आप कुशल मंगल होंगे। इस वैश्विक महामारी के दौरान मैंने आपको बहुत याद किया। अपने उस कठिन अनुभव को साझा करना चाहूंगा जब आपसे मिलने का बहुत मन किया, लेकिन आ न सका था। छुट्टियों में मैं गांव आने वाला था परंतु महामारी के प्रकोप बढ़ने के कारण सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा। इस कारण जो जहां था वहीं रह गया। इससे सबसे ज्यादा कठिनाई प्रवासियों को हुई, देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे तमाम छात्रों पर्यटकों और प्रवासी मजदूरों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग बंद हो गए जिससे मजदूरों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा, उनके रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं का पूरा न होना उनके लिए बहुत बड़ी परेशानी थी। वहीं, दूसरी ओर जो छात्र-छात्राएं दूसरे प्रदेशों में जाकर पढ़ाई कर रहे थे वे अपने घर नहीं जा पाए।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सभी लोग एक दूसरे की मदद करने में लगे थे। इसी बीच बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद प्रवासियों के लिए मसीहा बनकर सामने आए, वह लगातार लॉक डाउन में प्रवासी मजदूरों और छात्रों की मदद कर रहे थे। उनके साहस से मुझे भी लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिली। लोगों को राहत पहुंचाने के अभियान में पूरी सुरक्षा के साथ मैं भी जुटा। लोगों की मदद कर, भूखों को भोजन कराकर मन को काफी सुकून मिला। इस कोरोना वायरस से ठीक होने की फिलहाल तो कोई दवाई नहीं है। मगर इससे लड़ने के लिए हमें सावधानियां बरतने की जरूरत है, जिससे हम लोग इस वायरस से बच सकते हैं। इससे बचने के कुछ उपाय हैं जैसे कि अपने हाथ सैनिटाइज करना या फिर साबुन से धोते रहना। जिससे अपने हाथों में बसे कीटाणुओं का खात्मा हो सके। हमेशा बाहर से आने के बाद अपने हाथ सैनिटाइज जरूर करें। छींकते या खांसते समय मुंह पर रुमाल या डिस्पोजेबल टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें। अगर हम इन सावधानियों का ध्यान रखेंगे तो कोरोना वायरस से लड़ने में सफल होंगे।
पिता जी मैं आपसे भी यही आशा करता हूं कि आप भी इन सावधानियों का ध्यान रख रहे होंगे और आपसे यह आग्रह करता हूं कि आप गांव के लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें, उन्हें महामारी से बचने के उपाय बताएं ताकि महामारी का प्रकोप ग्रामीण क्षेत्रों तक ना पहुंचे। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप हमेशा स्वस्थ रहें।
आपका पुत्र
जिगनेश राव, इंटरमीडिएट, ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल
मुश्किल समय में सहारा बनें, मिलेगा आत्मीय सुकून
कोरोना वायरस जैसी महामारी हो या कोई अन्य विषम परिस्थिति, पीड़ित व्यक्ति को हर स्थिति में सच्चे साथ व हमदर्दी की जरूरत होती है। मुश्किल वक्त में किसी का सहारा बनने से आत्मीय सुकून मिलता है। किसी भी इंसान की मदद करना या किसी भूखे इंसान को खाना मुहैया कराना, ये बहुत बड़े पुण्यकार्य होते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनको कर पा रहा है, इसका मतलब है कि उस पर ईश्वरीय कृपा है। जिगनेश ने बताया कि फिल्म स्टार सोनू सूद के परोपकार के कार्य को देखकर उनको भी प्रेरणा मिली। इसका सीधा सा अर्थ है कि जब आप कोई परोपकार का काम करते हैं, और उससे अगर कोई अन्य प्रेरित होकर जरूरतमंदों की मदद करता है तो ये आपकी दोगुनी सफलता है। जिस तरह जिगनेश ने जरूरमंदों की मदद को हाथ बढ़ाए उसी तरह हर विद्यार्थी को करना चाहिए। कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन करते हुए, समाज सेवा करना सभी के जीवन का हिस्सा होना चाहिए। कोरोना काल ने इंसान को दूसरों के दर्द के प्रति संवेदनशील बनाने का काम भी किया है। संपन्न व मध्यमवर्गीय परिवारों ने अपने से निचले स्तर पर जीवनयापन करने वालों के दर्द का एहसास कराया है। बुराई कितनी भी हो, मगर उसमें छिपे अच्छाई के पहलू को देखकर सकारात्मकता के साथ जीवन जीना ही कला है।
डॉ. पायल सिंह, प्रधानाचार्य, जीडी पब्लिक स्कूल।