नोटबंदी के दौरान बनी एफडी पर आयकर विभाग की नजर
- फिक्स डिपोजिट की धनराशि की आय का स्रोत बताने में छूट रहे हैं पसीने - खंड स्तर के
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : आयकर विभाग की नजर नोटबंदी के दौरान कैश से फिक्स डिपॉजिट (एफडी) कराने वालों पर है। बंगलुरु मुख्यालय से भेजे गए डिजिटल नोटिसों को नजरअंदाज करने वालों वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। आयकर अधिकारी खोजने में जुट गए हैं। बैंकों से जुटाए डाटा की छंटनी का काम चल रहा है। इधर जिन एफडी वालों को नोटिस मिला है वे चार्टर्ड अकाउंटेंट की शरण में हैं।
दरअसल नोटबंदी के दौरान जिन खातों में न्यूनतम 2.5 लाख या इससे अधिक रुपये जमा हुए थे, ऐसे अलीगढ़ रेंज के पांच वार्डो में पांच सौ खातों को संदिग्ध माना गया। सूत्रों ने बताया कि विभाग की नजर अब उन एफडी पर है, जिन्हें नोटबंदी के दौरान कैश से बनवाया गया।
नोटबंदी के दौरान 1000 व 500 के नोटों को एफडी बनवाकर खपाया गया था। 200 लोगों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। पहली खेप में एक लाख व दो लाख रुपये कैश से एफडी वालों से जवाब मांगा गया है। जिन नोटिस वालों ने इन्हें नजरअंदाज किया है, उनके खाते भी सीज किए जा सकते हैं।
सीए तरुन सैनी बताते हैं कि ऐसे लोगों से आय का स्रोत पूछा गया है। जवाब तैयार किए जा रहे हैं।